पुण्यतिथि: अमिताभ बच्चन ने किया खुलासा, अमजद खान के लिए खास थीं ये दो चीजें

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By Sangya Singh
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पुण्यतिथि: अमिताभ बच्चन ने किया खुलासा, अमजद खान के लिए खास थीं ये दो चीजें

बॉलीवुड के गब्बर सिंह यानी अमजद खान। जी हां, फिल्म इंडस्ट्री में अपनी दमदार पर्सनैलिटी और भारी भरकम आवाज़ के लिए पहचाने जाने वाले खलनायक अमजद खान आज भी फिल्म 'शोले' में निभाए गए अपने किरदार गब्बर सिंह के नाम से ही जाने जाते हैं। उनका ये नाम सभी की ज़ुबान पर आज भी चढ़ा हुआ है। 'शोले' फिल्म में निभाए गए उनके इस एक किरदार ने उन्हें बेहद लोकप्रिय बना दिया। तो आइए आज  उनकी पुण्यतिथि पर हम आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़े हुए कुछ दिलचस्प किस्से...

- अमजद खान का जन्म 12 नवंबर 1940 को पेशावर में हुआ था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में लगभग 200 हिंदी फ़िल्मों में काम किया। इसके साथ ही अंग्रेजी की एक फ़िल्म 'द परफेक्ट मर्डर' में भी वो एक सेठ की भूमिका में दिखे। आज भी अपनी दमदार भूमिकाओं के लिए अमजद ख़ान याद किये जाते हैं।

पहले डैनी को मिला था गब्बर का रोल

- अमजद खान को गब्बर का रोल मिलने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, यह रोल पहले डैनी को ऑफर हुआ था। लेकिन वे अपने पहले से किए कमिटमेंट के कारण नहीं कर सके। इसके बाद जब अमजद खान के नाम पर विचार हुआ तो फिल्म के राइटर जावेद अख्तर राजी नहीं थे। उन्हें अमजद की आवाज पसंद नहीं थी।

- बाद में जावेद अख्तर किसी तरह मान गए। अमजद खान की भारी भरकम आवाज में फिल्म के डायलॉग्स ने फिल्म को पॉपुलर बनाने में अहम किरदार अदा किया। अमिताभ ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि जब उन्होंने शोले की स्क्रि‍प्ट पड़ी तो उन्होंने डायरेक्टर से कहा कि वह गब्बर का किरदार करना चाहते हैं।

चाय के बेहद शौकीन थे अमज़द खान

- लेकिन रमेश सिप्पी ने अमिताभ को जय के किरदार के लिए चुना। अमिताभ बच्चन, अमजद खान को बहुत करीब से जानते थे। अमिताभ ने बताया कि कैसे अमजद चाय के इतने बड़े शौकीन थे कि आप गिनती नहीं कर सकते वह शूट के दौरान चाय के कितने ही कप पी जाया करते थे और दूसरा उनका मजाक इन दो चीजों की उनकी जिंदगी में खास जगह थी।

- अमजद खान गजलों और उर्दू शायरी के भी बहुत बड़े शौकीन थे। वह अकसर अपने बांद्रा में बंगले की छत पर गजल महफिलें सजाया करते थे। अमजद खान और अमिताभ बच्चन की ऑफस्क्रीन केमिस्ट्री के भी खूब चर्चे थे। दोनों एक दूसरे के बेहद करीब थे और शूटिंग सेट्स पर भी इस जोड़ी का याराना देखा जाता था।

गज़लों और उर्दू शायरी के थे बड़े शौकीन

- अमिताभ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अमजद उन्हें मजा‍क के तौर पर Shorty बुलाते थे। अमिताभ ने बताया कि जब वह और अमजद खान सेट्स पर साथ में टहलते थे तब लोग उन्हें Shorty(अमिताभ) और Broad(अमजद) बुलाया करते थे।

- अमज़द खान एक संपूर्ण अभिनेता थे, क्योंकि अपने अभिनय जीवन में उन्होंने चरित्र, हास्य और खल भूमिकाओं को जीवंत किया। उन्हें कई बार फ़िल्मफेयर अवार्ड सहित कई अन्य अवार्ड भी मिले। जब अमजद ख़ान के पास फ़िल्में कम हो गईं तो खुद को बिजी रखने के लिए उन्होंने फ़िल्म निर्माण का काम शुरू किया।

कई फिल्मों का किया निर्माण

- पहली फ़िल्म 'चोर पुलिस' बनाई, लेकिन वह सेंसर में ऐसी फंसी की जब निकली, तो टुकड़े-टुकड़े होकर और वह कुछ विशेष न कर सकी। दूसरी फ़िल्म 'अमीर आदमी गरीब आदमी' थी, जो कामगारों के शोषण पर आधारित थी। तीसरी फ़िल्म उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ बनानी चाही, जिसका नाम था 'लंबाई-चौड़ाई' लेकिन यह फ़िल्म सेट पर पहुंच नहीं पायी।

- कम लोगों को ही पता है कि अमजद ख़ान उस कल्पना अय्यर को प्यार करते थे, जिसने तमाम फ़िल्मों में बेबस-बेगुनाह नायिकाओं पर बेपनाह जुल्म ढाए। भारी डील-डौल वाले गोरे-चिट्टे अमजद और दुबली-पतली इकहरे बदन की सांवली कल्पना अय्यर में देखने-सुनने में खासा अंतर था, लेकिन दोनों में एक गुण समान था।

कल्पना अय्यर से था अफेयर

- दरअसल, दोनों रुपहले पर्दे पर भोले-भाले निर्दोष पात्रों पर बड़े जुल्म ढाते थे। जिस तरह अमजद या तो खलनायक के रोल में फ़िल्मों में आए या फिर कैरेक्टर रोल में, उसी तरह कल्पना भी कभी हीरोइन तो नहीं बनीं, लेकिन खलनायिका का रोल उन्होंने भी खूब किया। फ़िल्मों में डांस आइटम भी किए। कुल मिलाकर कल्पना ने भी ढेर सारी फ़िल्में कीं।

- कल्पना जानती थीं कि अमजद शादीशुदा हैं। उनकी पत्नी हैं और उनके तीन बच्चे भी हैं। अगर कल्पना अमजद की बीवी बनने के लिए जिद करतीं, तो यह शादी हो भी जाती। लेकिन, दोनों ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया, क्योंकि अगर दोनों शादी करते तो अमजद के भरे-पूरे परिवार में तूफान आ जाता।

हार्ट अटैक से हुई मौत

- अमजद खान की मौत 51 साल की उम्र में हार्ट अटैक से हुई। लेकिन इस हार्ट अटैक की वज‍ह बना एक बड़ा हादसा। दरअसल जब अमजद The Great Gambler फिल्म की शूटिंग के लिए मुंबई गोवा-हाईवे से जा रहे थे तभी रास्ते में उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया।

- यह एक्सिडेंट इतना भयानक था कि वह कोमा में चले गए। कुछ समय बाद वह कोमा से तो बाहर आ गए थे लेकिन इस एक्सीडेंट के बाद उनका वजन बढ़ने लगा और आखि‍रकार साल 1992 में उनका हार्ट फेल होने से देहान्त हो गया।

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