भ्रष्टाचार, हिंसा या घृणा जैसे शब्द तो शब्दकोश में भी न मिलें - प्रबोध कुमार गोविल

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By Mayapuri Desk
भ्रष्टाचार, हिंसा या घृणा जैसे शब्द तो शब्दकोश में भी न मिलें - प्रबोध कुमार गोविल
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आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर केंद्रीय डाक व तार विभाग ने एक अखिल भारतीय निबंध और पत्रलेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया. इसका विषय था 2047(आजादी के 100 साल बाद) में भारत कैसा होगा. विजेताओं को 25, 10 और 5 हज़ार रुपए( कुल 4 लाख रुपए) के नकद पुरस्कार दिए गए. जयपुर मुख्य डाकघर के सभागार में मुख्य अतिथि सुविख्यात साहित्यकार प्रबोध कुमार गोविल ने विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर श्री गोविल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, सुरक्षा, पर्यावरण आदि के क्षेत्र में तरक्की करके हम अपने सपनों का जो देश बनाना चाहते हैं उस के रोडमैप की दिशा में बच्चों की सोच का जाना एक अच्छी बात है. हिंसा, घृणा और भ्रष्टाचार जैसे शब्द हमारे शब्दकोश में भी न दिखाई दें तो कुछ बात बने. विजेता युवाओं ने इस अवसर पर अपने उन प्रोजेक्ट्स की जानकारी भी दी जो उन्होंने प्रतियोगिता के लिए चुने. इस अवसर पर श्रीमती प्रियंका गुप्ता साहा, योगेश भटनागर तथा मुख्य पोस्टमास्टर श्री राकेश कुमार भी उपस्थित थे. समारोह में बड़ी संख्या में बच्चों और उनके शिक्षकों तथा अभिभावकों ने भी भाग लिया.

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