मायापुरी अंक 4,1974
किसी ने कहा, ‘रामानंद सागर ने आफ बीट फिल्म बना ही डाली !
दूसरा बोला, ‘कब बना डाली ? हमें तो पता भी न चला,
‘क्यों ? क्या ‘हमराही’ नही देखी ? पहला बोला। ‘उसमें आफबीट वाली क्या बात है ? दूसरे ने आश्चर्य से पूछा।
‘अरे यार उसमें कुमकुम नही है। हालांकि कुमकुम के लिए ही ‘जलते बदन’ बनाई गई थी। यह बातें सुनकर रणधीर कपूर धर्मेन्द्र से पूछ बैठा, आपको ‘चरस’ में भी कुमकुम काम कर रही है क्या ?
‘नही यार ! धर्मेन्द्र ने अपने ठेठ लहजे में कहा।
‘मैं पार्टी आदि में उसे देख कर भी अनदेखा बन जाता हूं क्योंकि मेरी आंखों के सामने स्व. महबूब देवी शर्मा, भगवान दादा आदि की दर्दनाक हालत घूम जाती है। डरता हूं कि कभी शराब के नशे में उसे पर डाऊन हो गया तो समय से पूर्व ही अंत देख लूंगा। डब्बू ने कुछ हंसते, कुछ डरते हुए कहा