मायापुरी अंक 3.1974
फिल्मों में आने से पूर्व जीनत अमान नन बनना चाहती थी। यह शौक उसे चौदह वर्ष की उम्र से ही लग गया था। यह एक संयोग की बात है कि वह आज के नन के बजाय एक वेलनोन’ अभिनेत्री है।
जीनत की मां महाराष्ट्रीयन महिला थीं और पिता मुसलमान। अमान उल्लाह के नाम से फिल्मों के संवाद लेखक के नाम से काफी मशहूर रहे> उन्ही की बटी जीनत अब फिल्मी दुनिया की हूर बन गई है। जीनत की पढ़ाई लिखाई पंचबनी में हुई, जहां से वह कैम्बिज्र में चली गई। कैम्बिज्र से लौटने के बाद जीनत ने मॉडलिंग का काम शुरू किया। इसी दौरान वह ब्यूटी कान्टेस्ट में मिस एशिया चुनी गई। और बहुत शीघ्र ही इस मिस एशिया की मुलाकात मिस्टर इन्डिया देव आनन्द से हो गई जिसने जीनत को अपनी फिल्म ‘हरे कृष्ण’ में जसबीर और जेनिस की दोहरी भूमिका में चुन लिया। इस चित्र के बाद तो अब ‘हर प्रोड्यूसर’ जीनत को चुन रहा है।
यह है जीनत का फ्लैश बैक।
आज जीनत अमान की सफलता और ख्याति के संबंध में कुछ लोंगो का कथन है कि उसने अपने जिस्म के आकर्षक अंगों से इस सफलता को प्राप्त किया है वरना वह अब भी जब हिन्दी के संवाद बोलती है तो लगता है रोमन में बोल रही है, ‘हरे राम हरे कृष्ण’ में भी कई जगह जीनत अमान के यह रोमन डॉयलाग सुनकर मन करता है कि हाल से निकल कर बीड़ी सिगरेट पीने चले जाएं सच तो यह कि ‘हरे राम हरे कृष्ण’ में जीनत अमान नही वह कैरेक्टर को आज के हिप्पीवाद ने नंगा कर दिया था। जो नशीली दवाइयों और नंगी हवा में जसबीर से जेनिस बन गई थी। इस हद तक कि उसे अपने भाई की पहचान भी नही रही और इस पात्र से जिसे बचपन में मां बाप के स्नेह और ममता से उपेक्षित किया गया हो। दर्शकों की सिम्पैथी होना निश्चित था।
यूं एक बात यह भी कही जा सकती है, कि देव ही वह पहला निर्देशक था जो जीनत को इस खूबसूरती के साथ पर्दे पर पेश कर सका। यह बात जीनत अमान भी खुद मानती है। वह तो देव को इस कदर मानती है कि उसने एक इन्टरव्यू के दौरान साफ-साफ कह दिया- मैं सिर्फ देव आनन्द की परवाह करती हूं मुझे यह कहने में जरा भी शर्म नही है, देव साहब बहुत ही अच्छे आदमी है। अगर कोई मुझे से यह पूछे कि फिल्म इन्डस्ट्री में ईमानदार, साफ, सच्चे और अच्छे आदमी के रूप में किसे जानती हूं तो मैं बिना सोचे समझे देव साहब का नाम लूंगी इसमें सन्देह नही कि देव ने जीनत को फिल्में दिलाई है। बल्कि सफलता भी दिलाई है। वरना कई हीरोइनों को देव से हमेशा यह शिकायत रही है कि वह कैमरा सिर्फ अपने ऊपर ही रखता है। यह शिकायत वहीदा को प्रेम पुजारी’ में थी। हेमा मालिनी को ‘जानी मेरा नाम’ में थी। इसीलिये उसने ‘वारंट को ‘जानी मेरा नाम’ मे थी। इसीलिये उसने ‘वारंट में काम करने से इन्कार कर दिया बाद में देव की सिफारिश पर जीनत अमान को यह भूमिका मिल गई। ‘इश्क में भी देव के साथ जीनत अमान नायिका के रूप में आ रही है। इस चित्र में जीनात मां और बेटी के डबल रोल में आ रही है।
जीनत अमान अपने निर्माताओं और निर्देशकों को सबसे ज्यादा सहयोग देती है। यहां तक कि शम्मीकपूर को उसकी फिल्म ‘मनोरंजन’ में उसने सैक्सी दृश्यों में इतना अधिक सहयोग दिया कि देव साहब खफा हो गये. कहते है कि देव जितना अधिकार जीनत अमान पर समझता है उतना ही उसके सैक्सी दृश्यों पर भी। शायद वह यह रहस्य जान गया है कि इस लड़की में यही वह आकर्षण है जो बॉक्स ऑफिस का बक्सा भर सकता है।
इसीलिये अब देवआनन्द ने जीनत अमान को अपना पार्टनर भी बना दिया है। इन दोनों की पार्टनरशिप में जो फिल्म तैयार होगी उसका नाम ‘गंधमी रंग’ है जिसकी कथा आजकल हिन्दी के कथाकार ‘कमलेश्वर तैयार कर रहे है। भविष्य में यह दोनों व्यापारी भागीदार होंगे।