मायापुरी अकं 4,1974
अभिनय कभी कभार अच्छे-अच्छे कलाकारों के जीवन में ऐसा रच बस जाता है कि वे अपने निजी जीवन में भी अभिनय किये बिना नही रहते। राजकपूर, प्रेमनाथ के बाद अब प्राण भी उसी श्रेणी में आ खड़ा हुआ है।
राजकपूर की तरह आजकल प्राण भी कोई फिल्मी पार्टी छोड़ता। पार्टियों के बाद सभी लोग नशे में धुत दिखाई देते है किन्तु एक प्राण ही ऐसा आदमी है जो पार्टी में शरीक होता है तो नशे में पहले ही धुत होता है। उसका कहना है कि वह घर से इतनी पीकर निकलता है कि पार्टी में पीने की आवश्यकता महसूस नही होती. यह कह कर शायद प्राण अपने यजमान को यह जताना चाहता है कि उसके घर खाने-पीने की कोई कमी नही है। लेकिन प्राय वह पार्टियों में खूब दबाकर खाता हुआ देखा गया है। कही इसका मतलब यह तो नही कि वह यह दिखाना चाहता हो कि उसके घर खाने की नही पीने की कमी है। (क्या करें राशन का जमाना है !)