कोरोना महामारी और लाॅक डाउन के दिनों ने बौलीवुड के कलाकारों को बुरी तरह से प्रभावित किया इस बीच कुछ कलाकार अपने अंदर की सकारात्मकता को बरकरार नही रख पाए।
परिणामतः पाॅंच छह कलाकारों ने आत्महत्या कर ली कुछ कलाकार डिप्रेान में चले गए मगर वहीं फिजियोथेरेपिस्ट की पढ़ाई करते करते अचानक अभिनेत्री बन जाने वाली आकांक्षा सिंह ने इस बुरे वक्त का उपयोग सकारात्मक ढंग से करते हुए दूसरों को भी सीख देने की कोशिश की।
आकांक्षा सिंह ने लाक डाउन का वक्त अपने माता पिता के साथ बिताया घर पर कई तरह के पकवान बनाए गिटार बजाना सीखा संगीत का रियाज भी किया।
कविताएं लिखीयहां तक कि आकांक्षा सिंह ने जिंदगी क्या है,इस पर एक शिक्षाप्रद कविता न सिर्फ उन्होेने लिखी,बल्कि उसे अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर साझा किया, जिससे दूसरों में भी उस कविता को सुनकर जिंदगी जीने के लिए नया जोा आ जाए।
खुद आकांक्षा सिंह कहती हैं-‘‘मैने लाॅक डाउन के समय अपने माता पिता के संग समय बिताया इस दौरान कविताएं लिखी नए नए पकवान बनाए गिटार बजाना सीखना शुरू किया था,पर बीच में ही रूक गया।’’
कोई खास कविता लिखी हो,तो बताएं?
इस सवाल पर आकांक्षा सिह ने कहा-‘‘मैं अपने विचारों,अपने ख्यालों को कविता के माध्यम से कागज पर उतारती रहती हूं पर कभी गिनती नहीं की लाॅक डाउन के दिनों में मैने जिंदगी को लेकर एक कविता ‘जिंदगी तू हंसती मुस्कुराती क्यों नहीं रहती’लिखी थी,जो कि मेरे इंस्टाग्राम एकाउंट पर भी है।
लाॅक डाउन के हालात पर मेेरी यह कविता हर इंसान पर एकदम सटीक बैठती है टीवी सीरियल ‘‘ना बोले तुम ना बोले हम’’से अभिनय कैरियर की शुरुआतरूआत करने वाली आकांक्षा सिंह अब तक हिंदी में ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’के अलावा तेलगु फिल्मों ‘मल्ली राव’ और ‘देवदास’की ।
गत वर्ष कन्नड़, मलयालम, हिंदी,तमिल व तेलगू भाषा की फिल्म ‘पहलवान’’में सुदीप के साथ नजर आयी थी इन दिनों वह कई तमिल व तेलगू की फिल्में कर रही है।
वहीं वह दो लघु फिल्मों ‘मेथी के लड्डू’तथा‘कैद’को लेकर भी चर्चा में है इतना ही नही वह अजय देवगन के निर्देान में बन रही फिल्म‘‘मे डे’’ में भी अभिनय कर रही हैं।
कविता की लिंकः https://www.instagram.com/tv/CCOSNKMBMT8/?igshid=1jh4fr4aeg28
शान्तिस्वरुप त्रिपाठी