लिपिका वर्मा
हाल ही में फिल्म, “सरबजीत” के ट्रेलर लॉन्च पर भावुक हो कर ऐश्वर्या राय बच्चन की आँखों में न केवल आंसू आ गए किन्तु उन्होंने सबको एक मिनट का मौन रखने का आग्रह किया ताकि सरबजीत की आत्मा और उसके परिवार को शांति मिले।
सरबजीत की बहन का किरदार क्या सोच कर ऐश ने इस रोल का चयन किया उस बारे में वह बोली, “दरअसल में कोई आसमानी (डिवाईन) शक्ति है जो मुझे सरबजीत की कहानी से जोड़ने की भरसक कोशिश कर रही थी, क्योंकि मेरे पास पहले भी इनके लिए कुछ करने के वास्ते एक लेटर (पेटिशन) भेजी गयी थी और तब में कुछ भी नहीं कर पाई थी। जब उमंग मेरे पास सरबजीत की बहन का किरदार करने का ऑफर लेकर आये तो मैंने अचम्भित हो कर उन्हें यह बताया कि यह दूसरी बारी है जब मेरे पास ऐसा कोई ऑफर आया है सरबजीत की कहानी से जुड़ने का। खैर पहली बारी जो कुछ आया वह फिल्म नहीं थी, पर मैं यह कहना चाह रही हूँ कि कोई न कोई पावर है जो मुझे सरबजीत की कहानी से जोड़ रही है और बस फिर क्या था मैंने तुरंत दलबीर कौर का चरित्र करने के लिए हामी भर दी। मैं दिल से यह कहना चाहती हूँ कि सरबजीत के परिवार में सराहनीय सहन शक्ति थी जिसकी वजह से वह हर बारी हिम्मत करके उसे वापस लाने की कोशिश में जुटे रहे।”
कुछ रुक कर केरैक्टर की तैयारी पर वह बोली, “दरअसल में उमंग ने यह रियल सब्जेक्ट पर कहानी बनाई है जिससे हम सब इत्तेफ़ाक रखते हैं। सो सब्जेक्ट में बहुत दम है। कहानी को क्रेडिट मिलना चाहिए। हमने निर्देशक उमंग कुमार के हिसाब से और जो कुछ हमने पढ़ा है उसके हिसाब से चरित्र-चित्रण करने की कोशिश की है।
जी हाँ, दिल से यह फिल्म की है और मेरा ऐसा मानना है कि ऐसी ह्यूमन कहानियाँ सब तक पहुँचनी चाहिए। इस सुंदर नैरेटिव के हम सब कैरक्टर्स ही हैं।
अपने साधारण लुक के बारे में ऐश ने ख़ुशी प्रकट करते हुए कहा, “मुझे अत्यन्त ख़ुशी है कि मैं एक साधरण लुक पेश करने में भी कामयाब हुई हूँ। इस लुक में हम अमूमन सरबजीत की बहन के दिनचर्या के हिसाब से कपड़े पहनते और जिस समय जिस जर्नी पर वह जा रही हैं, उस वक़्त उसकी मनोस्थिति क्या होगी ? क्या वह बाल बनाने के लिए समय बर्बाद करने की मनोस्थिति में है ? कुल मिलाकर उसकी मेन्टल स्थिति के अनुसार ही मुझे कपड़े और लुक की तैयारी करनी थी और मुझे बहुत ही अच्छा लगा है मेरा यह लुक। बस यही कहना चाहूँगी कि दलबीर कौर का केरैक्टर करना मेरे लिए अतयन्त चैलेंजिंग रहा।
अंततः ऐश ने दुखी स्वर में कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरबजीत वापस आया भी तो एक ताबूत में !!”