‘शौर्य और अनोखी की कहानी ‘ शो का स्ट्रांग मैसेज, स्ट्रांग कहानी, स्ट्रांग स्क्रिप्ट और बोल्ड किरदार बहुत सराहनीय है, जिसे देख मैंने इस शो के लिए हामी भरी – देबतमा साहा
इस शो के जरिए देबतमा अपने एक्टिंग करियर में दूसरी बार मुख्य भूमिका में दिखाई दे रही हैं
स्टार प्लस पर इस 21 दिसंबर से चर्चित प्रोड्यूसर दिया और टोनी सिंह द्वारा दर्शकों के लिए एक नए फिक्शन शो ‘शौर्य और अनोखी की कहानी’ को दर्शकों के मनोरंजन के लिए पेश किया गया है ।
यह शो एक साधारण लड़की की कहानी पर केंद्रित है जो पुरुष प्रधान समाज और रूढ़िवादी सोच के चलते उनपर आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करती है।
पंजाब की पृष्ठभूमि पर आधारित इस शो में देबतमा साहा (अनोखी भल्ला) और करणवीर शर्मा (शौर्य सभरवाल) मुख्य भूमिकाओं में नज़र आ रहे हैं।
इस शो के जरिए देबतमा अपने एक्टिंग करियर में दूसरी बार मुख्य भूमिका में दिखाई दे रही हैं। शो में अपने स्ट्रांग और बोल्ड किरदार को लेकर उत्साहित अभिनेत्री देबतमा साहा से हुई ख़ास बातचीत के कुछ प्रमुख अंश:
‘शौर्य और अनोखी की कहानी’ के साथ स्टार प्लस के अपने नए शो पर काम करते हुए कैसा महसूस हो रहा है ?
सबसे पहली चीज मुझे अपना किरदार बहुत पसंद आया है इसलिए मैं इस शो को करते हुए बहुत ज्यादा एक्साइटेड हूँ। मैं अपने किरदार में अपना बेस्ट देने की कोशिश कर रही हूँ।
अगर मुझे थकान भी महसूस होती है तो मैं उसे अपने किरदार को करते हुए भूल जाती हूँ। एक्साइटमेंट के साथ थोड़ी नर्वस भी हूँ क्योंकि मैं चाहती हूँ हमारा शो अच्छा करे और दर्शकों के दिल को छुए।
काफी अलग-अलग तरह की भावनाएं महसूस कर रही हूँ पर मैं बहुत ज्यादा खुश हूँ।
हमें अपने शो के बारे में कुछ बताएं ?
यह शो एक साधारण लड़की के बारे में है और उसके बहुत बड़े-बड़े सपने होते हैं और वह बहुत मेहनती होती है, लेकिन समाज की रूढ़िवादी सोच उसके आड़े आती है।
महिलाओं के लिए बनीं सीमा को लांघकर हमेशा वह अपने सपनो के पंख खोलकर आगे बढ़ना चाहती है। वह जो करना चाहती है वह उसे पूरा कर पाए उसकी प्रार्थना में हमेशा यही होता है।
वह हमेशा अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों से लड़कर बाहर निकलती है। समाज को अपने किरदार के डायलॉग से कई सारे महत्वपूर्ण संदेश भी देती है जो दर्शकों को शो देखने पर समझ आएगा।
इस न्यू नार्मल के बीच अपने शो के लिए शूटिंग करना कैसा लगता है ?
काफी दिनों के बाद शूट करने का मौका मिला है तो मैं एक्साइटेड बहुत ज्यादा हूँ साथ ही इस बात की ख़ुशी भी है कि मैं काम कर रही हूँ।
सेट पर सरकार द्वारा दिए गए सभी दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है। जैसे हर जगह सेट पर सेनिटाइज़र मौजूद है। सभी अपने- अपने मास्क का उपयोग कर रहे हैं।
आर्टिस्ट भी शॉट खत्म होने पर अपने मास्क लगा लेते हैं। न्यू नार्मल हमारे लिए तो यही है जो अब हमें मास्क और सेनिटाइज़र के साथ नार्मल लगने लगा है।
डरना नहीं है और मैं डर भी नहीं रही हूँ। केवल सेफ्टी प्रिकॉशंस लेकर अपना- अपना काम करना है और मुझे अपना काम बहुत पसंद है।
शो में अपने किरदार के बारे में कुछ बताएं ?
शो में अपने किरदार के बारे में अगर मैं कुछ बताना चाहूंगी तो वह यह है कि मुझे अनोखी का किरदार बहुत पसंद है यह एक स्ट्रांग किरदार है और इसे अपनी आज़ादी प्यारी है।
यह लड़की बोलती कम है मगर जितना भी बोलती है वह एकदम पॉइंट पर बोलती है। वह बहुत मेहनती है पढ़ाई करना उसे पसंद है।
बहुत मेच्योर है और उसे जस्टिफाइड उत्तर देना आता है और कोई ऐसा नहीं है जो उसे बोलकर निकल जाए। ऐसा भी नहीं है कि वह बत्तमीज है, लेकिन वह गलत बर्दाश नहीं कर सकती है। वह जो भी है आपके सामने है तो यह किरदार अपने आप में बहुत स्ट्रांग है। वह अपने दुःख दर्द को अपने आप में रखती है और उसमें बदलाव लाने की जिज्ञासा है जो वह करके दिखाएगी।
इस किरदार के लिए आपने क्या ख़ास तैयारियाँ की हैं ?
मेरे लिए पंजाबी भाषा नई है। भले ही मुझे यह भाषा पसंद है फिरभी मुझे डायलॉग बोलते समय बहुत ही केयरफुल होकर बोलना होता है। क्योंकि यह किरदार बहुत स्ट्रांग है तो मुझे बहुत बार स्क्रिप्ट को पढ़ना पड़ा ताकि दिक्कत न हो।
कई दिन तक हमने स्क्रिप्ट को पढ़ा भी ताकि हम किरदार को बहुत अच्छे से समझ सकें। किरदार कहीं भी अपना मैसेज देते वक्त नेगेटिव न हों इसलिए मैंने इस बात को ध्यान में रखते हुए अपने किरदार पर बहुत सावधानी से काम किया है।
इसलिए मैंने अपने किरदार पर बहुत काम किया है खुद में एक ठहराव लाया है ।
मेल डॉमिनेटेड सोसायटी पर आपकी क्या राय है ? क्या आपको लगता है कि लोग अब भी पढ़े लिखे होने के बावजूद इस सोच से उभर नहीं पाए हैं कि महिलायें चूल्हे -चौके के लिए बनीं हैं ?
सच कहूं तो मैंने अपने जीवन में अभी भी इस तरह के उदाहरण देखें हैं और अपनी ही जेनेरेशन में ही देखें हैं। मेरे ही कुछ दोस्तों के दोस्त जिन्हें देखकर मुझे बहुत शौक लगा था।
इन लोगों का बहुत अच्छे घर से होने के बावजूद भी इनकी यह डिमांड थी कि लड़की पढ़ी लिखी और अच्छी पर्सनालिटी चाहिए लेकिन लड़की शादी के बाद बाहर काम न करे जो बहुत ही गलत धारणा है।
उन लोगों का पढ़े लिखे होने के बावजूद भी ऐसी सोच है और समाज में ऐसे कई उदाहरण अब भी हैं, जिन्हें हम रोजमर्रा के दिनों में देखते हैं।
अगर हम समानता पर विश्वास करते हैं तो हमें अपनी सोच को भी सुधारना करना होगा। आज कल पढ़े लिखे होने के बावजूद भी लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं।
लोगों को खुद यह समझना होगा कि लड़कियों की क्या उम्मीदें हैं, उनकी क्या राय है, किसी बात को लेकर उनकी क्या सोच है जबतक वह खुद यह समझने की कोशिश नहीं करेंगे तबतक बदलाव लाना मुश्किल है।
लॉकडाउन के बाद आपको टीवी के सेट पर क्या बदलाव नज़र आते हैं ?
लॉकडाउन के बाद हम सेट पर बहुत ज्यादा सावधानी से काम करने लगे हैं। सेट पर हमेशा डॉक्टर्स मौजूद होते हैं वक़्त-वक़्त पर हमारा ऑक्सीजन लेवल चेक होता है।
सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए काम चलता है। शॉट के अलावा आर्टिस्ट मास्क नहीं उतारते हैं। सेनीटाइज़ेशन करके ही हाथ मिलाते हैं और रही बात और चीजों की बाकी सब पहले की तरह ही चल रहा है।
आप अपने एक्टिंग करियर में हमेशा किस अभिनेत्री से प्रेरित (इंस्पायर) होती रही हैं?
अगर मैं एक इंसान का नाम लुंगी तो मैं गलत हूँ क्योंकि मैं हर एक अभिनेता या अभिनेत्री के कोई न कोई गुण उनसे लेती हूँ जो मुझे बहुत कुछ सीखाते हैं। अगर मुझे खासतौर पर एक नाम पूछा जाए तो यह मुश्किल है क्योंकि इस सूचि में कई लोग हैं।
इस शो में ऐसी क्या ख़ास बात थी, जिसके चलते आपने इसे चुना ?
सबसे पहली बात एक एक्टर के तौर पर मुझे स्ट्रांग किरदार हमेशा से बहुत पसंद रहे हैं क्योंकि मैं नेचुरल एक्टिंग और वास्तविक कहानियों पर ज्यादा विश्वास रखती हूँ।
अनोखी का किरदार बहुत ही स्ट्रांग है जो समाज को एक सही मैसेज दे रहा है। अब यह लोगों को पर निर्भर करता है कि कौन सा व्यक्ति कौन से मैसेज को किस प्रकार से लेता है।
हर किरदार की अपनी एक ख़ास बात होती है। इस शो में किरदार के द्वारा दिया गया मैसेज इतना स्ट्रांग था कि मैं मना नहीं कर पाई।
इस शो की स्ट्रांग कहानी, स्ट्रांग स्क्रिप्ट, और बोल्ड किरदार बहुत सराहनीय है। मैं अंत तक यह कोशिश करुँगी कि मैं अपने किरदार के साथ जस्टिस कर सकूँ और दर्शक मेरे किरदार से अपना जुड़ाव महसूस कर पाएं।
शो में आपका किरदार अनोखी, देबतमा से कितना मेल खाता है ?
अगर मैं कहूं तो 50 प्रतिशत मैच करता है। जैसे की अनोखी और मेरा स्वभाव है बिलकुल मेल नहीं खाता है क्योंकि मैं ज्यादातर हसमुख और फ्रेंडली स्वभाव कि हूँ जबकि अनोखी बहुत ही मेच्योर है।
एक्शन कि बात करें तो हम दोनों बागी हैं। हम दोनों के पापा रेलवे फिल्ड में ही हैं मेरे पापा रेलवे में इंजीनियर हैं। बचपन में मैं भी कई बार पापा के साथ रेलवे स्टेशंस पर उनके साथ उनके काम के सिलसिले में गई हूँ।
मैं एक छोटे से शहर सिलचर से आती हूँ जहाँ से मैं बहुत मेहनत करके यहाँ तक आई हूँ और कुछ ऐसा ही अनोखी के साथ भी है। अनोखी के पापा और मेरे पापा की सोच कहीं न कहीं मिलती है।
मैं हमेशा अपने पापा को यह विश्वास दिलाने में लगी थी कि आप मेरे पंख खोलकर तो देखिए मैं कर सकती हूँ और जब मैंने कोलकाता से पढ़कर वहां से काम करना शरू किया तब जाकर मुझे उनका पूरी तरह सपोर्ट मिलने लगा।
अपने सह-कलाकार करणवीर शर्मा के साथ काम करने को लेकर अपने अनुभवों और उनके साथ अपने बांड को लेकर कुछ बताएं ?
अभी तक हमने एक साथ डायलॉग वाला शूट किया नहीं है फिर भी अबतक ऑफसेट मेरी उनसे जीतनी भी बात हुई है। मुझे वह स्वभाव से बहुत अच्छे लगे और वह बातचीत में भी बहुत अच्छे हैं। वह बहुत फ्रेंडली हैं। उनका एक अलग फन साइड भी है। उनके साथ काम करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और उनके अनुभवों से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
लॉकडाउन के दौरान आपने अपना समय कैसे बिताया ?
लॉकडाउन में मैं अकेली पड़ गई क्योंकि मम्मी होम टाउन चली गई क्योंकि मेरी छोटी बहन और पापा वहां थे।
इस दौरान मैंने अपने हाथ से खाना बनाना शुरू कर दिया और पहली बार मैंने अपने हाथों से चिकेन बनाया जो बहुत टेस्टी बन गया, जिसके बाद कुकिंग में मेरा इंट्रेस्ट बढ़ गया।
इस दौरान मैंने खुद पर बहुत ध्यान दिया। कई ऑनलाइन ऑडिशंस भी दिए। डायरीज लिखी, जिसमें मैंने अपने मन की बातें लिखी, अपना घर डेकोरेट किया, अपने इंस्टा फीड के लिए गाने गाए और म्युज़िक विडिओज बनाए। खुदपर बहुत ध्यान दिया और पता चला कि मैं कितना कुछ कर सकती हूँ।
आपका सबसे पसंदीदा जेनरे कौन सा है, जिसमें आप काम करना चाहती हैं ?
मैं आर्ट फिल्म्स में काम करना चाहती हूँ जो बहुत ही रियल हों। मुझे रियल एक्टिंग करना बहुत पसंद है।
जहाँ मुझे एक्टिंग नहीं करनी पड़े और लोगों को लगे यह बिलकुल रियल है। चाहे वह रोमेंटिक, थ्रिलर, हॉरर या कोई भी जॉनर हो पर टॉपिक यूनिक और रियल होना चाहिए।
क्या आप ऐसे कठिन समय में शूटिंग पर लौटने को लेकर परेशान थे ?
सच कहूं तो बिलकुल नहीं क्योंकि मुझे काम करना बहुत पसंद है। मैं बहुत वर्कोहॉलिक हूँ। मुझे सेट पर रहना और काम करना बहुत पसंद है।
मैं सेट पर कई बार फोन भी नहीं लेकर जाती क्योंकि मैं सेट पर पूरे ध्यान से काम करना चाहती हूँ। परेशान होने की बजाय मैं बहुत उत्सुकता से काम की तलाश कर रही थी कि कब मुझे काम मिले और मैं अपना बेस्ट करके दिखाऊं।
लॉकडाउन मेरे लिए थोड़ा मुश्किल साबित हुआ क्योंकि मैं काम करना चाहती थी। यह एक्पीरियंस भी मुझे कुछ नया सीखने के लिए बहुत जरुरी था और जब मुझे अनोखी का किरदार मिला तो मैं बहुत खुश हुई और अपने किरदार को लेकर उसके बारे में पढ़ना शुरू कर दिया और उसकी तैयारियाँ शुरू कर दी।