मायापुरी अंक 01.1974
नवोदित अभिनेत्री आशा सचदेव के पास आजकल बहुत कम फिल्में है। इसका कारण उनकी फ्लॉप फिल्में और उनका स्थूल होना है। आशा सचदेव जब ‘बिन्दिया और बन्दूक’ फिल्म में आई थी तो उनका शारीरिक सौष्ठव प्रभावित करता था परन्तु अब दिन प्रतिदिन आशा मोटी होती जा रही है और निर्माता उनसे कन्नी काटने लगे है।
सोने पर सुहागा तो ये है कि आशा सचदेव की मां उनसे कही ज्यादा सुन्दर है। जब कोई निर्माता आशा सचदेव को साइन करने जाता है तो वह आशा की मां को देखकर उन्हीं से फिल्म में काम करने का अनुरोध कर बैठता है। पिछले दिनों एक पत्रकार को इंटरव्यू देते समय आशा ने बड़ी झुंझलाहट से कहा कि, मैं क्या करूं, मेरी मां मेरे लिए मुसीबत हो गई है।