‘असहिष्णुता’ के नाम पर पुरस्कार वापस करने वालों पर निशाना साधते हुए अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि ऐसा बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया था। उन्होंने इस तरह के अभियान को अचानक रोकने पर सवाल उठाए।
उन्होंने इस मामले में राजनीति का हवाला देते हुए कहा, ‘किसी तरह मैंने पुरस्कार वापसी के बारे में अपनी आवाज उठाई। यह पहला मौका है जब ऐसा हुआ है। मेरा मानना है कि इसे काफी सुनियोजित तरीके से किया गया था और बिहार चुनाव के बाद पुरस्कार वापसी का मौसम अचानक बंद हो गया।’
अनुपम खेर ने कहा कि सबसे बड़ी असहिष्णुता कश्मीरी पंडितों की त्रासदी के खिलाफ दिखाई जानी चाहिए थी, लेकिन वह पुरस्कार लौटाने वालों की नजर से ओझल रहा।