सोनाक्षी सिन्हा कि नयी फिल्म ‘नूर’ सिनेमा घरो में लग चुकी है और उसमें वो एक पत्रकार का किरदार निभा रही है। अपनी फिल्म के प्रदर्शित होने से एक रात पहले सोनाक्षी ने पत्रकारों वाली टोपी पहनी और पहुंच गयी एक ऐसी पत्रकार का इंटरव्यू लेने जो और कोई नहीं, बल्कि बरखा दत्त थी। ये सोनाक्षी कि ज़िन्दगी का सबसे खास इंटरव्यू था क्योंकि इस बार वो इंटरव्यू देने के बजाये नूर रॉय चौधरी बन कर बरखा का इंटरव्यू लेने वाली थी। इस इंटरव्यू में बरखा और सोनाक्षी ने कई बातें की, कई मुद्दों को उठाया गया और मेज़ पर लाया गया। जब सोनाक्षी ने बरखा से पूछा कि उनके पेशे में एक औरत हो कर काम करना कितना मुश्किल है तो बरखा ने जवाब देते हुए कहा कि महिला पत्रकार होना बहुत ही मुश्किल है और उन्होंने कहा, “जब तुम न्यूज़ रूम पहुँचो और अगर आप सुन्दर और आकर्षक लग रहे हो तो आपको सिर्फ मनोरंजक और हल्की कहानिया ही दी जाएंगे करने को।”

जब सोनाक्षी ने बरखा ने पूछा कि क्या वो कभी अर्नब गोस्वामी का इंटरव्यू करेंगी या फिर उनके साथ सह एंकर के तौर पर काम करेंगी तो उस पर बरखा ने कहा, ” मैं कभी भी अर्नब गोस्वामी कि सह एंकर नहीं बनूँगी। वो भारतीय पत्रकारिता के डोनल्ड ट्रम्प है।” सोनक्षी सिन्हा और काफी और सितारे भी सोशल मीडिया पर मज़ाक बनने कि समस्या से झुझते है तो इसी पर बात करते हुए सोनाक्षी ने पूछा, “आप एक मज़ाक का मज़ाक कैसे बना सकते है?” जिसपर बरखा ने कहा, ” मेरे हिसाब से सबसे अच्छा तरीका तो उस पर ध्यान ना देना ही है।” इंटरव्यू के माध्यम से बरखा दत्त ने सितारों के बड़े मुद्दों पर कुछ ना बोलने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अगर वो कोई बात कहते भी है तो बाद में उस पर कायम क्यों नहीं रहते । ‘नूर’ फिल्म के निर्देशक सुनील सिप्पी है और इसके निर्माता टी सीरीज और अबुंदन्त्या एंटरटेनमेंट है।