मायापुरी अंक 18.1975
महबूब स्टूडियोज की ओर तेजी से भागती हुई खलनायक मनमोहन की मोटर के पीछे पुलिस वैन भी स्पीड से भागने लगी तो सड़क पर चल रहे राहगीरों को आश्चर्य हुआ। पर जब मनमोहन ने स्टूडियो के भीतर अपनी गाड़ी को घुमाया तो पुलिस वाले दंग रह गये। कहते हैं गलती से उन्होनें मनमोहन को स्मगलर समझ लिया था। यहां तक कि एक पुलिस मैन ने अपने साथियों को बताया कि यह बाकिया का रिश्तेदारा हैं।
वैसे भी मनमोहन फिल्मों में अक्सर स्मगलर का ही रोल करते हैं