मायापुरी अंक 17.1975
विदेश से लौटने के बाद कैबरे डांसर फरियाल फिल्म पार्टियों में झूमते हुए अपने बारे में कुछ का कुछ कहती फिर रही है। वह अपने सैक्स संबंधों का जिक्र करती हुई कभी निर्माता का नाम लेती हैं तो कभी किसी निर्देशक का पिछले दिनों सन एण्ड सैंड होटल में आयोजित एक फिल्म पार्टी में एक हीरोइन के सामने बिना किसी झिझक के उन्हौंने स्वीकार किया कि स्व. महबूब खां भी उस पर लट्टू थे। उन्होंने यह भी बताया कि जब इस बात का उनकी बीवी को पता चला तो वह खुद उनके सामने चली गयी और फफक कर रोते हुए उन्हौंने सब कुछ बता दिया। फरियाल का यह कहना था कि आज स्व. महबूब साहब जीवित होते तो उनकी यह स्थिति न होती और वह आज ‘मिसा’ के सुदर्शन चक्र से स्मगलिंग करने वालों का पूरा सफाया हुआ या नही, फिल्म वालों को जरूर आघात लगा है। उन्हें इस बात की शिकायत है कि न तो उन्हें 555 असली मिल रही है न उन्हें असली विदेशी शराब और तो और गिरावट और मिलावट आ गई है। कही मेकअप के रासायनिक प्रसाधनों में जहरीली मिलावट शुरू हो गयी तो क्या होगा? इस डर से अब वह लोग घूर-घूर कर सभी चीजों के लेवल देखने लगे हैं। यह सब कुछ तो ठीक है, पर ब्लैक मनी असली है नही, इसकी पहचान वे किस लेबल या ट्रेड मार्क से करें यह उनका सबसे बड़ा सिर दर्द है।
‘मिसा’ के चक्कर में स्मगलरों से ज्यादा फिल्म वाले फंस गये हैं