मुंबई : वेटरन और लिविंग लीजेंड फ़िल्म जॉर्नलिस्ट अली पीटर जॉन ने मुंबई में अपने आवास पर 29,जून,2020 ,को अपने कुछ खास यूवा दोस्तो के साथ मिलकर अपना 70वा जन्मदिन मनाया ,आपको बता दे कि अली पीटर जॉन अपने हर जन्म दिन पर अपने द्वारा लिखी गई किताब को रिलीज करते आये है ,जिसमें पूरे बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गजों ,नामचीन के साथ साथ कई सारे सितारे हमेशा शामिल होते है ।लेकिन कोविड-19 यानी कोरोनो माहमारी के कारण अली जी ने अपना जन्मदिन बेहद साधारण तरीके से मनाया ,जिसमें बॉलीवुड के सितारे और कोई नामचीन हस्तिया नही थी ।

अली जी से मेरी उनके जन्मदिन के सेलिब्रेशन के बारे में हुई बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उनको उनके 70 वे जन्मदिन का सेलिब्रेशन बहुत अच्छा और बेहद खुशनुमा लगा , उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना जन्मदिन पहली बार इतनी सादगी के साथ मनाया है ।

अपने जन्मदिन पर अली पीटरन जॉन ने अपनी माता जी को याद करते हुवे बताया कि उनकी माँ उनका जन्मदिन बैंड- बाजे वालो को बुलाकर उनका बर्थडे सेलिब्रेट करती थी और उनके जन्मदिन पर पूरे गाँव को इन्विटेशन देती थी ।अपने जन्मदिन के बारे मे उन्होंने कई सारी पुरानी और खूबसूरत यादें साझा करते हुऐ एक बहुत महत्वपूर्ण किस्सा बताया कि उनके जन्मदिन पर दर्जनों फूलो के बुके उनके घर पर एडवांस मे आया करते थे और वो सारे फूल दूसरे दिन वेस्ट हो जाते थे ,जो उनको अच्छा नही लगता था ,जिस वजह से उन्होंने उनके दोस्तो, चाहने वालों को बुके भेजने की परमपरा को बंद करने के लिये विनम्र निवेदन किया ।

अली पीटर जॉन ने बताया कि कोरोना संकट के वजह से वो अपनी सत्तरवीं वर्षगांठ पर कोई पुस्तक नही रिलीज कर पाये ,लेकिन बजाज साहब ने जो नायाब तोहफा उनको उनके जन्मदिन पर भेजा है वो अतुलनीय है बजाज साहब ने मेरी लाइफ टाइम पिक्स को डिजिटल बुकलेट के जरिये ,मेरी बेहद खूबसूरत यादों को “स्माइल्स फ्रोम दा लाइफ ऑफ अ स्टोर्म ” को डिजिटल बुकलेट मैं सजाकर मेरे जन्मदिन के अवसर पर मुझे अब तक का सबसे बड़ा तोफा दिया है ।

बता दे कि अब तक अली पीटर जॉन लागभग 15 – पुस्तकें लिख चुके है ,जिसमें अली पीटर जॉन जी ने अपने 50 वी वर्षगांठ पर अपनी आत्मकथा पर आधारित पुस्तक”लाइफ-बीट्स एंड पीसेज “रिलीज की थी, जिसका कवर महान पेंटर एम.एफ़ हुसैन साहब द्वारा पैन्ट किया गया है और “वॉइसेस इन टरमोइल” ये पुस्तक अली पीटर जॉन की सबसे पहली और जब वे कॉलेज में पड़ते थे और बेरोजगार थे उस वक़्त उन्होंने लिखी थी ,ये किताब अली पीटर जॉन द्वारा लिखित खास किताबो मे से एक है ,मुझसे हुई खास बात चीत के अंत मे अली साहब ने कहा “THAT’S IT .HERE I COME, WELCOME ME INTO YOUR ARMS DEAR 70.” LOVE YOU MY….

और जिस तरह सूर्य और चंद्रमा रोज़ अपना कार्य करते हैं ,तो ये कहना कोई अतिसियोक्ति नही होगी जन्मदिन मनाने के बाद अली सर ने अपना रोज़ का काम नही छोड़ा और देर रात तक वो लिखते रहे जब तक वो अपने लेख से संतुष्ट नही हुवे ।
प्रस्तुत है कुछ खास तस्वीरों के साथ अली पीटर जॉन के 70 वे जन्मदिन की खूबसूरत शाम की कुछ झलकिया ……”