बहुत दिनों बाद गुलज़ार एक नया कविता संग्रह लाकर आये हैं.अपने नये कविता संग्रह ‘‘प्लूटो’’ में भी गुलजार की कलम रिश्तों, कुदरत, वक्त और खुदा से उनके ताल्लुकात की याद दिलाती है.
गुलजार की रचनाओं का निरूपमा दत्त ने अंग्रेजी में तजरुमा किया है. हार्परकोलिंस इंडिया ने इस किताब को प्रकाशित किया है और इसमें गुलजार के कुछ अपने रेखाचित्र भी हैं।
गुलजार कहते हैं, ‘‘हाल ही में प्लूटो ने ग्रह का अपना दर्जा खो दिया है. वैज्ञानिकों ने प्लूटो से कहा, ‘दूर हटो..हम तुम्हें अपने नौ ग्रहों के परिवार में शामिल नहीं करते…प्लूटो को इस तरह दुत्कारे जाने पर मेरा दिल दुख से भर गया. हालांकि वह बहुत दूर है..बहुत छोटा है..इसलिए मैंने मेरी सारी कविताएं उसके नाम कर दीं. कुछ लम्हे इतने छोटे होते हैं कि पल में गुजर जाते हैं, हम अकसर उन्हें पकड़ नहीं पाते, मुझे उन्हीं लम्हों को पकड़ना पसंद है.’’ गुलजार के इस संग्रह में 111 कविताएं हैं।
गुलज़ार ने लिखा नया कविता संग्रह ;प्लूटो’
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