Majrooh Sultanpuri एक दिल की बातें लिखने वाले शायर ने कैसे मेरे दिल...

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लेखक का एक अजीब विश्वास है कि सत्य ही बोलना चाहिए, भले ही झूठ बोलना जीवन का हिस्सा बन गया हो।

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लेखक के ए. अब्बास के साथ साहित्यिक सहायक के रूप में काम कर रहे थे, हालांकि वेतन बहुत कम था।

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अब्बास साहब ने लेखक को अन्य नौकरियों की तलाश करने की सलाह दी, लेकिन लेखक ने अब्बास साहब को न छोड़ने का निर्णय लिया।

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लेखन के प्रति प्रेम के कारण अब्बास साहब ने लेखक को विभिन्न पत्रिकाओं में लेख लिखने का काम दिया।

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लेखक को उर्दू कवि और गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी का इंटरव्यू करने का मौका मिला, लेकिन मजरूह ने उनका इंटरव्यू लेने से मना कर दिया।

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मजरूह के असभ्य व्यवहार के कारण लेखक ने उनसे दोबारा न मिलने का निर्णय लिया।

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लेखक ने अनुभव किया कि कुछ कवियों और लेखकों का वास्तविक जीवन उनके लेखन से बिल्कुल विपरीत होता है।

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साहिर लुधियानवी के गीत "एक चेहरे पर कई चेहरे" ने लेखक को सिखाया कि लोग अलग-अलग परिस्थितियों में विभिन्न चेहरों को अपनाते हैं।

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लेख में अन्य कवियों और लेखकों के दोहरे व्यक्तित्व पर भी चर्चा की गई है।