जब मैं Vinod Khanna से प्रेरित होकर ‘भगवान’ की खोज में निकल पड़ा

विनोद खन्ना के प्रशंसक और अभिनेता अली पीटर जॉन ने उनके भगवान के टेपों को सुनकर उनके साथ यात्रा की।

विनोद खन्ना ने फिल्मों से संन्यास ले लिया और भगवान बनने के लिए उदयोग में शामिल हो गए।

विनोद खन्ना को उनके भगवान ने भगवान के बगीचे का माली बनाया और उन्होंने अपने परिवार और सभी संबंध तोड़ दिए।

विनोद खन्ना ने फिल्मों में नई जिंदगी शुरू की लेकिन फिर वह अपने भगवान से अलग हो गए और फिल्मों में अभिनय करने की तलाश में थे।

विनोद खन्ना को अपनी भूमिकाओं के लिए अमिताभ बच्चन की तरह की पहचान नहीं मिली।

विनोद खन्ना ने राजनीति में भी कदम रखा और चुनाव जीते, लेकिन उन्हें शांति नहीं मिली।

विनोद खन्ना के जीवन में कई बदलाव हुए और उन्होंने अपनी भगवानी उपाधि छोड़ी।

विनोद खन्ना की जगह अब अन्य अभिनेताओं ने ली है और उन्हें उनकी अपनी पहचान छोड़नी पड़ी है।

विनोद खन्ना के जीवन की कहानी एक फिल्म और किताब का विषय बन रही है।

इंसान भगवान बनने की कोशिश करता है, लेकिन भगवान इंसान नहीं बनता।