मैं खुद को Farhan Akhtar की बड़ी फैन कहती हूँ लेकिन खुद पर हँसी तब आई जब मुझे उनके जन्मदिन के लिए एक स्टोरी लिखनी थी और मैंने उनके बारे में पढ़ा, तब मुझे पता चला कि फिल्म “दिल चाहता है” फरहान ने लिखी और डायरेक्ट की है. “किस तरह की फैन हो तुम? फिल्म की कहानी फरहान ने लिखी है ये तो बाद की बात है जिस फिल्म को तुम अपनी वन ऑफ़ द फेवरेट फिल्म कहती हो उसका डायरेक्टर और राइटर कौन है ये जानना भी जरूरी नहीं समझा?”- मैंने खुद से ये सवाल पूछा.
मैं ये सोचने पर मजबूर हो गई कि मैं क्यों खुद को फरहान की फैन होने का ढिंढोरा पीटती थी. ये सोचते-सोचते मैंने ऐमज़ॉन प्राइम पर फिल्म “ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा” देखनी शुरू कर दी जो इससे पहले न जाने मैंने कितनी बार ही देखी थी लेकिन शायद पहली बार ऐसा हुआ था कि मेरा ध्यान फिल्म से ज्यादा उस सवाल पर था कि आखिर मैं खुद को फरहान का फैन क्यों कहती हूं?
फिल्म देखते-देखते बीच में फरहान की बेफिक्री, बेतुकी बात पर हँसी भी आ रही थी लेकिन दिमाग अभी भी उस सवाल पर ही अटका हुआ था. फिल्म में जितना बेफिक्र फरहान दिख रहा था उतनी ही गहराई उसके आंखों में नजर आ रही थी.
मन के किसी कोने में एक सवाल जो बार बार चल रहा है, जिसका जवाब ढूंढने वो स्पेन आया है, अपने दोस्तों के सामने हँसते- मुस्कुराते, बिंदास फरहान बन सबको ट्रिप के दौरान इंटरटेन कर रहा है. कैसे? जितनी बार भी मैंने ये फिल्म देखी है उतनी ही बार ये बात खुद से पूछी है. खुद से इसलिए क्योंकि खुद को इस सवाल का जवाब पता था और अब मेरे दूसरे सवाल का जवाब भी मिल चुका था कि क्यों मैं खुद को फरहान का फैन कहती थी.
दरअसल मैं तो फरहान की फैन कभी थी ही नहीं, मैं तो इमरान की फैन हूं जिसका किरदार फरहान अख्तर ने फिल्म में निभाया है. शायद मैंने कभी ध्यान नहीं दिया लेकिन अब नोटिस किया कि मैं जब भी ये कहती कि मैं फरहान की फैन हूं तो मैं फरहान की बात नहीं बल्कि इमरान की बात कर रही होती थी. इमरान के मेरे जैसे कितने ही फैंन होंगे.
इसका शायद ये कारण है कि हमसब कहीं न कहीं इमरान के किरदार से रिलेट कर सकते हैं. हमसब कहीं न कहीं अपने दिल में कुछ छिपा कर दुनिया के लिए मुस्कुरा रहे होते हैं. वो बात जो हम किसी से भी नहीं करते है. हम अपने आप को इमरान में देख रहे होते हैं. मुझे मेरे सवाल का जवाब मिल गया. हमें इमरान जैसे करैक्टर से मिलवाने के लिए Farhan Akhtar का शुक्रिया. उनसे बेहतर इमरान का किरदार कोई और निभा ही नहीं सकता था.
बात करें Farhan Akhtar की तो वो एक कमाल के एक्टर, डायरेक्टर और राइटर हैं. आज फरहान अपना 47वां जन्मदिन मना रहे है. कहते है एक इंसान सबकुछ नहीं कर सकता है लेकिन उन्होंने इस बात को गलत साबित किया है और बताया है कि परफेक्शन के साथ वो सबकुछ कर सकते हैं जो वो चाहते है जरूरत है तो डेडिकेशन की. चाहे वो “दिल चाहता है” जैसी कमाल की फिल्म लिखना हो, फिल्म “लक्ष्य” का डायरेक्शन हो, फिल्म “ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा” में एक्टिंग हो या फिर उनकी पोएट्री और गाने हो. हर काम को उन्होंने परफेक्शन से किया है.
फरहान की फिल्मों की बात करें तो वो साल 2019 में फिल्म “द स्काई इस पिंक” में प्रियंका चोपड़ा के साथ नजर आए थे. जल्द ही वह फिल्म “तूफ़ान” में बॉक्सर के किरदार में दिखेंगे.