महान गायक और हरफनमौला आर्टिस्ट किशोर कुमार की चुहलबाज़ियों से भला कौन परिचित नहीं था. वह इतने मज़ाकिया थे कि कई बार तो रिकॉर्डिंग रूम में लता मंगेशकर उनके साथ डुएट गाने से मना कर देती थीं क्योंकि वह हँसा-हँसा के उनका पेट दर्द कर देते थे. एक बार चाचा ज़िंदाबाद नामक फिल्म के गाने ‘बड़ी चीज़ है प्यार मुहब्बत’ को रिकॉर्ड करते वक़्त किशोर कुमार ऐसी ऊट-पटांग हरकतें करने लगे कि लता मंगेश्कर अपनी हँसी न रोक पाईं और उनकी वो खनकती हँसी रिकॉर्ड भी हो गयी.
एसडी बर्मन किशोर कुमार की आवाज़ के कायल थे. किशोर कुमार ने एक बार ख़ुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें दो ही लोगों के गाने पसंद आते थे, एक थे केएल सहगल तो दूसरे थे सचिन देव बर्मन. सचिन दा भी किशोर कुमार से बहुत प्यार करते थे. लेकिन जितना उनका प्यार था, उतना ही वो हक़ जताना भी जानते थे. आए दिन कोई भी नई धुन बनाते तो सबसे पहले अपने प्यारे किशोर को फोन करके सुनाने लगते थे.
एक रोज़ उन्होंने रात के ग्यारह बजे किशोर कुमार को फोन किया, किशोर दा तब सोये ही थे. उन्होंने फोन उठाया और जब पता चला कि सचिन दा का फोन है तो ज़रा घबरा गये. हडबडा के बोले “दादा सब ठीक तो है न?”
दूसरी ओर से आवाज़ आई “सब बिल्कुल ठीक है रे, देख ये नई धुन बनाई है, इसके ये बोल हैं. ज़रा गा के सुना तो”
किशोर दा बेमन से गाते हुए बोले “कोरा कागज़ था ये मन मेरा”
सचिन दा ने तुरंत डांट लगाई “अरे स्टुपिड, ये कैसे गाता है, ठीक से गा न!”
इसपर किशोर दा ने बिनती की “सचिन दा, अभी बज रहे हैं रात के ग्यारह, मैंने खा लिया खाना बंद कर दी है बत्ती और मुझे नींद आ रही है, अब ऐसे में भला कैसे गा पाऊंगा”
तो तुरंत सचिन दा नर्म होते बोले “अरे नहीं नहीं, तू सोजा सोजा, सुबह उठकर अच्छे से ये गाना सुनाना”
किशोर दा मुस्कुराए और अपने बिस्तर के हवाले हुए.
चंचल मतवाले किशोर कुमार के ऐसे बहुत से किस्से हैं जो किसी एक लेख में समा ही नहीं सकते इसलिए हम आपके लिए अब रोज़, किशोर दा के जन्मदिन (4 अगस्त ) के बाद इस पूरे हफ्ते तक नये नये किस्से लाते रहेंगे.
पढ़ते रहिये मायापुरी मैगज़ीन
- सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’