सुरो की मल्लिका लता मंगेशकर आज अपना जन्मदिन मना रही है।लता जी ने अपनी सुर के जादू से सिर्फ देश को ही नहीं बल्कि विदेशी लोगो को भी अपनी आवाज़ का दीवाना बनाया है।लता मंगेशकर के आवाज़ सुनते ही लोग मधहोश हो जाते है।उनके इश्क़ और प्यार से भरे गाने आज भी बॉलीवुड गुलज़ार कर रहे है।लेकिन इतने प्यार भरे गीत गाने के बाद भी लता मंगेशकर के जीवन में प्यार कभी जगह नहीं ले पाया। उनका जीवन खालीपन कभी भर नहीं पाया। उन्होंने कभी भी शादी नहीं की। कहा जाता है कि लता ने अपने भाई बहनों की देखभाल के लिए जीवन भर शादी न करने का फैसला किया। लेकिन ऐसा नहीं है कि वो शादी करना ही नहीं चाहती थी। उनके जीवन में भी प्रेम आया और उन्होंने प्रेम को जिया भी लेकिन वो प्रेम अपनी मंज़िल तक नहीं पहोच पाया।
आज में आपको बताउंगी लता जी के प्रेम कहानी के बारे में, आपको बता दू की अगर लता मंगेशकर अपने इश्क को मुकम्मल कर लेती और शादी कर लेती तो वो आज एक राज्य की महारानी होतीं। दरअसल लता मंगेशकर को अपनी भाई के दोस्त राज सिंह जो डूंगरपुर के राजकुमार थे, उनसे मोहब्बत होगयी थी।जब राज वकालत की पढ़ाई करने मुंबई आये थे।तब उनकी पहली मुलाकात लता मंगेशकर से हुयी थी। उनकी पहली मुलाकात धीरे धीरे दोस्ती में बदल गयी , और दोस्ती ने प्यार का रूप ले लिया।
उन दोनों के प्यार के किस्से अखबारों में छपने लगे और उड़ते उड़ते बात डूंगरपुर घराने तक जा पहुंची। डूंगरपुर के महाराज को यह कतई मंजूर नहीं था कि एक आम सी दिखने वाली लड़की जो गाने गाती है, डूंगरपुर राजघराने की बहु बने। वो राज पर दबाव बनाने लगे कि ये शादी नहीं हो सकती।आख़िरकार राज को अपने माता पिता की बात माननी पड़ी , और वो लता मंगेशकर से दूर होगये।
कुछ इस तरह ही खत्म होगया ये रिश्ता शुरू होने से पहले ही।दोनों के अलग होने के बाद राज सिंह और लता मंगेशकर ने ज़िन्दगी भर शादी ना करने की कसम खाली।