मशहूर उद्योगपति और न्यूज पेपर सप्लायर/वितरक सुनील खन्ना के बेटे 31 वर्षीय पुरंजय खन्ना इन दिनों अंग्रेजी भाषा के अपने पहले कविता संग्रह ‘‘सेकेंड स्टार’’ को लेकर सूर्खियों में हैं। दिल्ली में जन्में मगर मंुबइ में पले पढ़े पुरंजय की उच्च शिक्षा लंदन में हुई। वह एमबीए की डिग्री धारी हैं। उनकी बचपन से ही साहित्य में रूचि रही है। इसी रूचि के चलते दसवीं कक्षा से उन्होने कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं। और अब वह पहला कविता संग्रह ‘सेकेंड स्टार’ लेकर आए हैं।
पुरंजय खन्ना से उनके पहले कविता संग्रह ‘‘सेकेंड स्टार’’ के संदर्भ में हुई बातचीत इस प्रकार रही...
आपने कब से कविताएं लिखनी शुरू की थी?
- जब मैं दसवीं कक्षा में पढ़ रहा था, तब से मैने कविताएं लिखनी शुरू की थीं। इसकी मूल वजह यह है कि बचपन से ही मेरी रूचि साहित्य में रही है। मैं बचपन में अपनी मां से कहानियां व कविताएं सुना करता था। मेरी मां मुझे कहानियंा,उपन्यास व कविताएं पढ़ने पर जोर देती थीं। मैने ढेर सारी कहानियां, कविता संग्रह व उपन्यास पढ़े हैं। मुझे कविताएं पढ़ना, उन्हे गुनगुनाना बहुत पसंद था। मैं कविताएं हमेशा संगीत के लय में पढ़ा करता था। तो मैं कई वर्षों से कविताएं लगातार लिखता आ रहा हॅूं। पर मैने उन्हे कभी भी किताब के रूप में लाने के बारे में विचार नहीं किया। कोविड महामारी के चलते पिछले दो वर्षों से मैं लगभग घर पर ही रहा। तब मैने दो वर्ष के अंदर सौ कविताएं लिख डाली। जब मैंने इतने कम समय में इतनी कविताएं लिख डालीं, तो मेरे दिमाग मंे आया कि इन्हे संग्रहित कर लोगांे तक पहुॅचाया जाए। इसकी एक वजह यह भी रही कि मेरी यह सौ कविताएं महज कविताएं नही है, बल्कि इसमें जिंदगी की फिलाॅसफी भी है। इसमें कुछ सीख,प्रेरणा भी है।
आपने अभी बताया कि आपने काफी किताबें पढ़ी हैं। तो क्या आप बताना चाहेंगे कि आपने किन किन लेखकों या कवियों को पढ़ा है?
- मैंने हिंदी के अलावा अंग्रेजी लेखकांे को काफी पढा है। यहां पर अभी सभी के नाम बताना संभव नही है। मैंने एक ही तरह के नहीं बल्कि अलग अलग जाॅनर के लेखकों को पढ़ा है।
आप खुद किस तरह की कविताएं लिखना पसंद करते हैं?
- देखिए, मेरी शिक्षा दिक्षा काॅवेंट यानी कि अंग्रेजी माध्यम में हुई है। इसलिए मैं अंग्रेजी में ही सोचता हॅूं और अंग्रेजी में ही लिखता हॅूं। मेरी मां अंग्रेजी में मेजर कीथ हैं। वह चाहती थी कि मैं अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान रखॅूं। पर हिंदी में भी मेरी रूचि है। हिंदी के अच्छे संवाद सुनने का मुझे शौक है। जहां कहंी भी अलग तरह का साउंड आता है, उसे मैं अपने दिमाग में रख लेता हॅूं।
कविताएं लिखने की प्रेरणा कहां से मिलती है?
- लोगों से बात चीत करके. या कुछ पढ़कर। कई बार कोई घटना मन को व्यथित करती है, तब लिखने बैठ जाता हॅूं। इसके अलावा बारिश, दोस्तों, बदलता मौसम,पक्षिओं की चहचहाहट,अच्छाई व बुराई से.हमारे आस पास जो कुछ भी घटित होता है, उन सब से कुछ न कुछ प्रेरणा मिलती है।
आपकी किताब ‘‘सेकेंड स्टार’’ मंे लगभग 110 कविताएं हैं। यह कविताएं किस तरह की हैं?
- हर कविता अलग अलग ढर्रे, अलग अलग जाॅनर, अलग अलग तरह की भावनाओं की बात करने वाली हैं। किसी एक ही तरह के पैटर्न की सभी कविताएं नहीं हैं।
कोविड महामारी के दो वर्ष के दौरान आपने सौ कविताएं लिख डालीं। उन दिनों बाहरी जगह से संपर्क कम था, तब आपकी कविताओं का प्रेरणा स्रोत क्या रहा?
- इन दो वर्षों केे दौरान मैने ढेरों डाक्यूमेंट्ी फिल्में देखी। कई किताबें व उपन्यास पढ़े। मैंने साइंस जर्नल भी पढ़े। बचपन में मैने जो कहानियंा या किताबंे पढ़ी थीं, उन पर अपने हिसाब से शोध कार्य किया। फिर जब कलम व कागज लेकर बैठ जाता, तो विचार अपने आप कवितामय होकर कागज पर उतरते रहे। मैंने अपनी जिंदगी के घटनाक्रमांे को याद करके कुछ लिखा। रात मंे नींद में जो सपने आते हैं, उन पर विचार मंथन कर कविता लिखीं। तो कोई एक प्रेरणा स्रोत नहीं रहा। मेरी प्रेरणा के स्रोत मुझे कई रास्तों से मिले।
क्या आप इस किताब का अनुवाद कर हिंदी में भी लाना चाहेंगें?
- जरुर... मैं कोशिश कर रहा हॅूं कि इसं हिंदी भाषी पाठकों के लिए भी अनुवाद करके बाजार मंे लेकर आऊं। क्योकि मेरी चाहत अपने लेखन को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुॅचाना है।
लेकिन अंग्रेजी की कविताओं को हिंदी में अनुवाद करना कठिन काम है?
- आसान तो नहीं है। मगर यदि आपकी इच्छाशक्ति हो, तो आप किसी एक्सपर्ट के साथ बैठकर बातचीत कर किताब का अनुवाद कर सकते हो।
आपकी किताब की टैग लाइन है-‘पाॅयट्री आॅफ द काँशियस स्टेट.’’. इसका मतलब समझाएंगे?
- हमारी यह टैग लाइन हमारी कविताओं के उस सवाल को दोहराती है, जो हमारी हर कविता पूछती है। यह सवाल है कि ‘तो फिर जिंदा रहने का क्या मतलब?’’अच्छाई है, बुराई है, प्यार है,..आखिर क्या है? मैं अपनी कविताओं के माध्यम से हर इंसान से यह सवाल पूछ रहा हॅूं कि क्या समझते हो अपनी जिंदगी को लेकर....
क्या आपने कविताओं के माध्यम से जिंदगी के दर्शन शास्त्र पर भी बात की है?
- जी हाॅ! मैंने फिलाॅसफी को लेकर बहुत बातें की हैं। हमने कहा है कि लोग खुशी के पीछे भागते हैं। जबकि हकीकत में हर इंसान को शंाति की जरुरत है। जिस इंसान की जिंदगी में शान्ति होती है, उन्हें खुशी बिना प्रयास के नसीब हो जाती है।
आपकी जिंदगी की फिलाॅसफी क्या है?
- शांति से जिओ। दूसरों को मत सताओ। मेरे जीवन की सरल फिलाॅसफी यह है कि निरंतर आगे बढ़ते रहो।
आपकी एक कविता ‘ब्लैक होल’ की सभी तारीफ कर रहे हैं. इस पर रोशनी डालंे?
- इस कविता की आइडिया यह है कि किसी की भी समझ में नहीं आती कि जिंदगी क्या है? यह असली है या नकली है? आखिर यह है क्या? ‘ब्लैक होल’ में भी हमें पता नहीं चलता कि इसके अंदर क्या है? मैं जो बात कर रहा हॅूं, वह एक लाइन है, वह है ‘इवेंट होराइजन। मैं कह रहा हॅंू कि वही जिंदगी है। क्योंकि हमें असल में नहीें पता कि जिंदगी क्या है?