सलाम वेंकी स्लाइस ऑफ लाइफ पर आधारित कहानी है जिसे रेवथी ने डायरेक्ट की है. इस फिल्म को सूरज सिंह एवं श्रद्धा अग्रवाल ने प्रोड्यूस किया है. इस फिल्म में काजोल एवं विशाल जेठवा मुख्य भूमिका में नजर आने वाले है. फिल्म सिनेमाघरांे में 9 दिसंबर, 2022 को रिलीज के लिए तैयार है.
सलाम वेंकी किताब पर बेस्ड है कुछ विस्तार में बताये?
सलाम वंेकी की कहानी एक बुक पर बेस्ड है. इसके पीछे की कहानी यह है कि -वेंकटेश की मृत्यु 2004 में हो गयी थी. उनकी माँ चाहती थी, उनकी कहानी दुनिया वालों तक पहुंचे. उन्होंने श्रीकांत को बुलाया और यह कहनी लिखे ताकि वो एक किताब पब्लिश कर सके वेंकटेश की जीवनी पर. श्रीकांत मूर्ति ने बहुत काम किया और इस बुक को लिखा. यह किताब उन्होंने 6 माह में पूरी की और 2005 में यह किताब पब्लिश कर दी गयी. यह किताब उनकी माँ ने वेंकय के जाने के बाद के पहले जन्मदिन पर ही रिलीज की. वेंकी की माताजी बेहद स्ट्रांग स्त्री है और वो चाहती थी सब काम अपने आप करे और ऐसा ही किया उन्होंने.
यह किताब आप तक कैसे पहुंची?
श्रीकांत मूर्ति ने मुझे ईमेल द्वारा यह किताब भेजी और मुझे इस पर फिल्म बनाने के बारे में विचार करने के लिए कहा. मुझे उस समय सही राइटर नहीं मिला जो मेरे साथ बैठ कर फिल्म के हिसाब से लिख पाए. मैं अपना आइडियाज साथ डेवेलोप करती हूँ. फिर 2018 में सूरज ने मुझे वापस मिल कर यह किताब पर फिल्म बनाने के लिए कहा. यह फिल्म बनाना मेरी डेस्टिनी मे था. मैं फिर सुजात ख्माँ, से मिली और उन्होंने कहा यह आप ही के पास वापस आयी है बुक क्योंकि आपको ही यह फिल्म बनानी है.
आपको कैसा अनुभव हुआ लोग आप के पास आते है फिल्म निर्देशन के लिए?
यह एक बेहद जिम्मेदारी. एक कहानी पर्दे पर पेश करना आसान नहीं है. में एक बेहद कम्फर्टेबले स्पेस में फील कर रही थी क्योंकि में एक्टर भी हूँ. अभी सब कुछ सही जम गया है तब मैंने सोचा आगे बढूं. इसलिए मैंने कहा चलो यह फिल्म बनाते है.
आप निर्देशन की बागडोर संभाल कर कितना एन्जॉय करती है?
बहुत लोग पूछते है 18 साल तक आपने कुछ क्यों नहीं किया? मै भी नहीं जानती क्यों नहीं किया, पर हो गया ऐसा. और तब भी मैंने एन्जॉय किया. निर्देशन एक रचनात्मक काम होता है. जैसे ही आप कहानी लिखना शुरू करते है, तब से लेकर अंत तक हम रचनात्मक रहते है और सोच समझ कर अपना बेस्ट देना चाहते है. अभिनेताओं के चयन से लेकर उनके कपडे से लेकर सेट डिजाइनिंग इत्यादि सभी पर ध्यान रखना होता है. मैं ऐसी निर्देशक हो जिन्हे भी चुनती हूँ सभी बहुत ही अच्छी तरह से अपना अपना काम निभाते है. में हमेशा सभी से मुझे कुछ ज्यादा देने की अपेक्षा रखती हूँ.मेरे हिसाब से फिल्म बनाना एक टीम वर्क है. में केवल डायरेक्ट कर रही हूँ ताकि मेरी विजन कहानी को अच्छे ढंग से दे सकूँ.
विशाल जेठवा को अपने कैसे चुना क्योंकि उसकी पहली फिल्म में उसने विलेन का रोल किया था, उस बारे में क्या कहना चाहेंगी?
हंस कर बोली वह लगता भी है विलेन है. पर जब आप उसकी और देखोगी तो वह बहुत सॉफ्ट लगता है. वह दरअसल में एक बच्चा है और अंदर से अपनी माँ के लिए जो प्रेम दिखा रहा था में जब समीर अरोरा स्क्रिप्ट पढ़ रहे था यह भाव मैंने विशाल की आँखों में देखा. तभी मैंने निर्णय लिया यह मेरा वैंकी ही है.
आप अपनी इस भवनात्मक जर्नी को कैसे देखती है? आप रियल लाइफ में कितनी इमोशनल है?
मैं निजी जीवन में भी बेहद इमोशनल हूँ. में बहुत ही आसानी से रो देती हूँ और आसानी से भावनात्मक भी फील करती हूँ. हालांकि मैं बहुत संयम बरतती हूँ. मैं एक चीज काजोल की बेहद पसंद करती हूँ जो भी उसके मन में और दिमाग में होता है वो उसे न केवल दिखा देती है अपितु बोल भी देती है. ऐसा होना आपको बहुत साहस की आवश्यकता होती है. मैं एक छोटे से मास्क के बीचे सब कुछ रख लेती हूँ.
आपकी अगली फिल्म कौन सी होगी?
मैंने अपनी अगली फिल्म नहीं चुनी है किन्तु हाँ, मैं निर्देशन करती रहूंगी. मुझे निर्देशन में ढेरो चैलेंज लेना है अभी तो.