लिपिका वर्मा
अक्षय कुमार उर्फ़ राजीव हरी ओम भाटिया जन्म 9 सितम्बर
जन्म स्थान - अमृतसर पंजाब इंडिया
पसंदीदा अभिनेता - अमिताभ बच्चन पसंदीदा अभिनेत्री - श्रीदेवी
अक्षय कुमार के साथ लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश पेश है
बॉलीवुड के यानी अक्षय कुमार अका खिलाड़ी कुमार की फ़िल्में हर वर्ष 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज होती है। अक्षय वही फ़िल्में करना भी पसंद करते हैं जो देश और देश वासियों को कोई जरुरी सन्देश दे जाये। अक्षय का मानना है - ब्रांड इंडिया बनाना बहुत अनिवार्य है। हमें अपने देश को हर तरह से सशक्त बनाना होगा। और लोगों को भी मेहनत कर न केवल अपनी रोजी रोटी कमानी चाहिए अपितु एक सभ्य समाज को आगे बढ़ाना होगा। और ऐसी कई लोगों की बायोपिक भी बननी चाहिए- खिलाडी कुमार के हिसाब से जिनकी जीवनी हमें कुछ अच्छा सन्देश दे जाये। फिल्म ‘गोल्ड’ जो जल्द रिलीज़ पर है, एक हॉकी मैनेजर की कहानी है यह फिल्म 15 अगस्त को अपना झंडा फहरा पाती है की नहीं यह समय ही बतायेगा ?
बॉलीवुड के यानी अक्षय कुमार अका खिलाड़ी कुमार कभी भी किसी विवादित मुद्दे में नहीं फंसे होंगे ऐसा वह कैसे कर पाते हैं?
दरअसल में आप मुझे डिप्लोमैटिक कह सकते हैं, मुझे इस पर कोई ऐतराज नहीं है। मेरा ऐसा मानना है कि किसी भी व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति के बारे में कोई भी आपत्तिजनक बातें करने का कोई अधिकार नहीं है, जिससे उस व्यक्ति को किसी भी तरह की पीड़ा पहुंचे, दुःख हो या वह परेशान हो जाए, ऐसा ।
आपको आज के जमाने का भारत कुमार कहा जा रहा है?
भारत कुमार जैसा उपनाम देना मेरे लिए गलत है। मैं जो भी काम करता हूं इसलिए नहीं करता हूं कि मैं अपना खुद का ब्रैंड बनाऊं। मेरे लिए ब्रैंड इंडिया ज्यादा महत्वपूर्ण है। मेरा ब्रैंड तो राउडी राठौर और हॉउसफुल है।
आपके हिसाब से स्टारडम क्या है?
मेरे लिए स्टारडम वह चीज है, जो आज है, लेकिन कल नहीं होगा। इसलिए इसे बहुत ज्यादा सीरियस नहीं लेना चाहिए, स्टारडम का गलत फायदा भी नहीं उठाना है, रिस्पेक्ट करना है और लगातार कड़ी मेहनत करते रहना है।
अपनी पॉपुलैरिटी की वजह किस चीज को मानते हैं?
मुझे लगता है आज मैं सभी उम्र के लोगों और खास तौर पर यंग इंडिया से इसलिए कनेक्ट हूं क्योंकि जो दिल में आता है वही बोलता हूं। कई बार जब मैं किसी बड़े एडिटर के पास इंटरव्यू के लिए जा रहा होता हूं तो वह कहते हैं कि अगर आप चाहे तो हम सवाल भेज देते हैं आप तैयारी कर लें, लेकिन मैं इसके बेहद खिलाफ हूं, मैं उन्हें सवाल भेजने के लिए मना कर देता हूं। मेरा मानना है कि अगर सवाल पहले से मेरे पास होंगे तो जवाब बहुत रोबॉटिक, चालाकी वाला हो जाएगा। मैं ऐसा नहीं चाहता कि मेरा जवाब नैचुरल न हो।
आप कभी भी किसी मुद्दे, व्यक्ति और विवाद से जुड़े मामले में बोलने से बचते हैं, ऐसा क्यों?
आप मुझे डिप्लोमैटिक व्यक्ति कह सकते हैं और खुद को डिप्लोमैटिक कहलाने पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं हूं डिप्लोमैटिक क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि मेरे पास किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है। मैं यह भी नहीं चाहता कि कोई मुझे पीड़ा पहुंचाए, न मुझे किसी को कोई दर्द देना है।
तो आपने कभी भी कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे किसी को दुःख पहुंचा हो?
मैंने कभी किसी के बारे में कुछ भी नहीं कहा है, जो उसे पीड़ा पहुंचाएं। आप पिछले 28 साल के कोई भी इंटरव्यू खोल कर देख लो, कभी किसी को दुःख पहुंचाने वाली बात नहीं की है। मेरे पास किसी और के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है। यह बात मुझे मेरी परवरिश में सिखाई-बताई गई है। कुछ चीजें मैंने मार्शल आर्ट के दौरान भी सीखी, जिसमें सिखाया जाता है कि किसी भी व्यक्ति के बारे में बुरा कहने का अधिकार किसी को नहीं है।
हमको बचपन में ही सिखाया गया था कि माइंड इन योर बिजनस, कड़ी मेहनत करो, अपने परिवार के साथ रहो उनका ध्यान दो जैसी तमाम बातें, जिनका असर उन पर मुझ पर है आज तक। यह सब बहुत ही साधारण बातें हैं। अब मीडिया मुझसे बार-बार पूछती रहती है कि आप तो बड़ी सुबह उठ जाते हो। क्या जवाब दूं? अब सुबह न उठूं तो कब उठूं? यह सवाल ही क्यों है? कुछ लोग पूछते हैं रात में जल्दी सो जाते हैं। सवाल तो मुझे उनसे पूछना चाहिए कि आप क्यों देर से सोते हो? मुझे समझ नहीं आता कि यह सवाल मुझसे पूछा क्यों जाता है।
बॉलीवुड म्यूजिक कंपनी टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की बायोपिक ’मुगल’ से अलग होने की यानि फिल्म छोड़ने की वजह क्या हैं?
’फिल्म की स्क्रिप्ट को लेकर मैं संतुष्ट नहीं था, इसी वजह से मैंने फिल्म करने से मना कर दिया।’ दबी आवाज में अक्षय का यह जवाब थोड़ा अजीब जरूर लगा।