2019 के लोकसभा चुनाव की जब तैयारियां भी नहीं शुरू हुई थी और भोजपुरी के मेगा स्टार रवि किशन जब कांग्रेस पार्टी के मोह से विरक्त होकर भारतीय जनता पार्टी ज्वाईन किए थे, तब एक मुलाकात में वह खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त किए थे। फिर चुनाव-पूर्व जब टिकट वितरण में देरी हुई तो भी उनके चेहरे पर स्थिरता के भाव थे। बोले- मैं अब इस तरह की बातों से ना ही बहुत उत्तेजित होता हूं और ना ही डिप्रेशन का शिकार बनता हूं। मैं यथावत रहता हूं। दरअसल जिन्दगी के इतने उतार चढ़ाव से गुजर चुका हूं कि किसी बात को मन से लगाकर चिपकाता नहीं। एकदम स्थितिप्रक्ष रहता हूं।’
‘इतनी अच्छी हिन्दी बोलने की पृष्ठभूमि में आपका घरेलू माहौल से जुड़ा रहना ही है न?’ वह हंसते हैं - ‘बिल्कुल पंडित (ब्राह्मण) परिवार का हूं तो संस्कार पूजा पाठ वाले और धार्मिक-पुस्तकें पढ़ने वाले ही मिलेंगे।’
‘पारिवारिक सोच से हट कर फिल्मों में आना और फिल्मों से राजनीति में जाना...इस सबके पीछे भी आप नियति का चक्र मानते हैं या अपनी कोशिश?’
- ‘नियति तो सबका भाग्य निर्धारित किए हुए हैं। किसको कहां पहुंचना है, कहां जाना है सब कुछ नियति द्वारा निर्धारित है, बावजूद इसके अपनी कोशिश तो होनी ही चाहिए। कोशिश करके ही मंजिल मिलती है। और, मैंने तो जिंदगी में बहुत ज्यादा कोशिश किया है। आपको तो सब पता है। मेरे सारे उतार चढ़ाव देखे हैं।
रवि किशन को भोजपुरी फिल्मों का सुपर स्टार कहते हैं। ‘लेकिन मैंने कई भाषा की फिल्में की हैं।’ वह कहते हैं- ‘हिन्दी, भोजपुरी, तेलुगू, तमिल, कन्नड़... मेरे लिए भाषा आड़े नहीं आ पायी है।’ हिन्दी में रविकिशन ने 30 से अधिक फिल्मों में काम किया है इनमें कई तो बेहद हिट फिल्में (‘पिताम्बर’, ‘तेरे नाम’, ‘वेलकम टू सज्जनपुर’, ‘लक’, ‘बुलेट राजा’ आदि) रही हैं। तेलुगू में ‘रेसगुराम’, कनाडा में ‘हेब्बुली’, तमिल में ‘स्केच’ उनकी हिट फिल्में रही हैं। ‘और, भोजपुरी भाषा में तो पूछिये ही मत!’ वह हंसते हैं। ‘सबका नाम तो मुझे भी याद नहीं रहता...सैकड़ों फिल्में हैं। हमने आंधी ला दी है भोजपुरी-फिल्मों की।’
‘भोजपुरी के तीनों सुपर स्टार (रवि, मनोज और निरहुआ) इन दिनों राजनीति में हैं और भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रत्याशी हैं। इस बारे में क्या कहेंगे?
‘लहर है.. मोदी जी के नाम की और योगी जी के नाम की! मैं तो अपने बारे में इतना ही कहूंगा कि देश की दशा और दिशा बदलने के लिए हम तीनों ही भोजपुरिया स्टार भाजपा पार्टी और मोदी जी के साथ जुड़े हैं। सिनेमा के द्वारा हमने अपने प्रदेश और देश के लिए मनोरंजन दिया है और अब टाइम है सेवा देने का।’
‘आप एक टफ सीट पर करियर को दांव पर लगाये हो, क्या सोचते हो अपनी विजय को लेकर?
- दांव पर तो पिछली बार लगाया था (जब रविकिशन जौनपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी बन कर चुनाव हार गये थे) अबकी बार तो विकास की लहर पर सवार हूं। मोदी जी और योगी जी दोनों ही विकास पुरूष हैं। जीत अवश्यभावी है। फिर जीत हार की कौन सोचता है। मैं एक योद्धा हूं इस समय राजनीति में योगी जी और मोदीजी का योद्धा हूं। योद्धा हूं। योद्धा जीत हार की सोचकर लड़ाई नहीं लड़ते।