इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म कबीर सिंह के प्रमोशन में बिजी हैं। फिल्म में उनके साथ कियारा आडवाणी नजर आने वाली हैं। फिल्म को रिलीज होने में अब ज्यादा समय नहीं है। फिल्म में शाहिद का अग्रेसिव अवतार दिखाई देने वाला है जिसको लेकर कई सवाल शाहिद से पूछे जा रहे हैं। शाहिद ने कबीर सिंह में अपने किरदार के बारे में बात करते हुए कहा कि इस किरदार को सच मानने में क्या गलत है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में कई शेड्स या फेस होते हैं जो व्यक्ति को पूरा करती हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के ग्रे शेड्स के बारे में दिखाना भी जरुरी होता है।
किरदार को जज करने या उसमें खामी निकालने पर शाहिद ने कहा कि लोग इस किरदार को पसंद करते हैं या गुस्सा करते हैं, यह बात तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगी। मगर उससे पहले मैं आशा करता हूं कि सभी पहले ये फिल्म देखें। शाहिद ने कहा कि कबीर सिंह सभी की जिंदगी का एक फेस है और जब हम सोचते हैं कि हम अलग हो गए हैं तो कमजोर हो जाते हैं। कई लोग उस व्यक्ति के लिए सहानुभूति भी दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक आदमी की एक कैथेरिक यात्रा है और एक सतर्क कहानी है। इसने मुझे महसूस कराया कि मैं कभी भी यह व्यक्ति नहीं बनना चाहता।
बता दें कि कबीर सिंह में शाहिद कपूर एक मेडिकल स्टूडेंट की भूमिका में दिखाई देंगे, जो अपनी गर्लफ्रेंड की शादी जबर्दस्ती कहीं और कराए जाने के बाद खुद की बर्बादी के रास्ते पर निकल पड़ता है। डॉक्टर बनने के बाद भी वह हमेशा शराब के नशे में डूबा रहता है। शाहिद कपूर का कहना है कि 38 साल की उम्र में कॉलेज स्टूडेंट का किरदार निभाते वक्त वो डर रहे थे। मुझे डर था कि मेरा छोटा भाई, पत्नी और बड़े होने के बाद मेरे बच्चे जब फिल्म देखेंगे तो पूछेंगे, 'यह करने की क्या जरूरत थी पापा? भूल गए क्या कि आप 38 के हो?
कबीर सिंह के कैरेक्टर के लिए क्या तैयारी करनी पड़ी? इस सवाल पर शाहिद कहते हैं कि बीर सिंह के किरदार में ढलने के लिए मुझे रोजाना करीब 20 सिगरेट पीनी पड़ती थीं। घर जाने से पहले मैं दो घंटे तक नहाता था। कबीर सिंह एक कुशल सर्जन हैं। अपनी फील्ड में सर्वश्रेष्ठ इसलिए इस किरदार के लिए जिस तरह के हाव-भाव और ढंग चाहिए थे, उनकी प्रैक्टिस जरूरी थी। मैंने एक्सपर्ट के साथ बातचीत की। इससे मुझे गहरी समझ हुई। मैं मुंबई में बहुत से सर्जनों से मिला और उनकी लाइफस्टाइल के विभिन्न पहलुओं को समझा।
कबीर सिंह में आप जुनूनी आशिक बने हैं। क्या असल जिंदगी में आपने जुनूनी आशिक देखे हैं? इस पर शाहिद कहते हैं कि मुझे लगता है कि कबीर सिंह रियल लाइफ में भी मिलते हैं। मुझे तो लगता है कि हम सब अपने जीवन में कभी न कभी कबीर सिंह वाले फेज से गुजर चुके हैं। कुछ लोगों के लिए वह फेज थोड़ा लंबा चलता है। कुछ लोग पूरी जिंदगी वैसे रहते हैं। कुछ लोग थोड़े फेज के बाद उससे निकल जाते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हर इंसान ने कभी न कभी उस तरह के पैशनेट प्यार का अनुभव तो किया है। क्या आपको भी इस तरह के हालात से गुजरना पड़ा? जवाब में शाहिद कहते हैं कि हां, मैं भी उस दौर से गुजर चुका हूं जब दिल टूटने के बाद मैं खुद को नुकसान पहुंचाना चाहता था। मेरे लिए इन नकारात्मक भावनाओं से उबरने का एक तरीका यह था कि मैं अपने काम में पूरी जान झोंक दृं। ऐसी दशा से बाहर निकलना काफी मुश्किल होता है, लेकिन निकलना जरूरी भी होता है। प्यार की परिभाषा समझाते हुए शाहिद कहते हैं कि प्यार प्योर फॉर्म में जुनूनी ही होता है। प्यार की परिभाषा ही यही है कि प्यार सेल्फलेस होता है। आप जब किसी से सच में प्यार करते हैं, तो आप उन्हें अपने से भी आगे रखते हैं। आप पहले उनके बारे में सोचते हैं, फिर अपने बारे में सोचते हैं, जो अपने आप में जुनून ही है। मुझे लगता है कि प्यार तो प्यार ही होता है, लेकिन जब आप यंग होते हें, तो आपकी समझ थोड़ी लिमिटेड होती है, बाद में आप उसे थोड़ा बेहतर समझने लगते हैं।