28 सितम्बर 1929 को जन्मी, मंगेश्कर बहनों में सबसे अग्रज लता मंगेश्कर उर्फ़ स्वर कोकिला, उर्फ़ नाईटेंगल ऑफ इंडिया उर्फ़ सुरों की महारानी लता मंगेश्कर के लिए गुलज़ार साहब और विशाल भारद्वाज ने एक नायाब तोहफा दिया है. बात 1994-95 की है, जब विशाल भारद्वाज कदरन नए-नए फिल्म इंडस्ट्री में आए थे. ‘ठीक नहीं लगता’ के ऑनलाइन प्रेस इवेंट में विशाल भारद्वाज ने बताया कि जब उन्हें पहली बार पता चला कि लता मंगेश्कर जी के साथ उन्हें गाना रिकॉर्ड करना है तो वह बहुत नर्वस हो गए. कोई भी नया म्यूजिक डायरेक्टर होता तो उसका यही हाल होता.
फिर विशाल भारद्वाज के बारे में सब जानते हैं कि वह गुलज़ार साहब से कितने मुतासिर रहते हैं, उन्हें गुलज़ार की लिखी हर नज़्म, हर गीत कंठस्त है. अमूमन जब कोई कलाकार मुंबई पहुँचता है तो उसका सपना होता है कि वह बहुत कामयाब हो जाए, वह बहुत पैसा कमायें लेकिन विशाल भारद्वाज बस इतना चाहते थे कि उन्हें गुलज़ार साहब के साथ काम करने का मौका मिल जाए, और उनकी किस्मत ही खुल जाए अगर उनका कम्पोज़ किया कोई गाना, गुलज़ार साहब ने लिखा हो और लता दीदी उस गीत को अपनी आवाज़ दें.
लता जी से गीत कैसे गवाया जाता है, इस राज़ से भी विशाल जी ने पर्दा उठाया कि “लता जी से अप्रोच करने के लिए पहले उन्हें गीत रिकॉर्ड कर कैसेट में भरकर भेजना होता है, वो पहले सुनती हैं फिर उन्हें ठीक लगता है तो वह गाना गाती हैं” विशाल जी ने यही प्रोसीजर फॉलो किया और लता जी गाना गाने के लिए तैयार हो गयीं.
अब ये सपना सच होने वाला था. नर्वस होना लाज़मी था. पर जब लता जी स्टूडियो आईं और विशाल को नर्वस देखा तो बोलीं “आप मुझे ठीक वैसे ही समझिए जैसे किसी नए सिंगर को समझते हैं. आप बिल्कुल ये मत सोचिए कि मैं कोई बहुत बड़ी सिंगर हूँ”
विशाल ने बताया कि किसी न्यू कमर के लिए कोई लीजेंड ऐसा कुछ कह दे तो वह बता नहीं सकते कि कितना अच्छा लगता है. यही वजह है कि लता जी बेस्ट हैं, वो लिजेंड हैं.
इसी प्रेस कांफ्रेंस में गुलज़ार साहब ने बताया कि एक बार वो और पंचम (आर डी बर्मन) फिल्म घर का गाना ‘आपकी आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं’ कम्पोज़ कर रहे थे. उसके एक अंतरे के बारे में गुलज़ार साहब बताते हैं कि “आपकी आँखों में फिर, कोई शरारत तो नहीं, बेवजह तारीफ करना आपकी आदत तो नहीं, आपकी बदमाशियों के ये नए अंदाज़ हैं”
अब इस अंतरे पर पंचम दा ने कहा “नहीं-नहीं, लता दीदी ये अंतरा नहीं गायेंगी, उनको अच्छा नहीं लगेगा” तो इसपर गुलज़ार बोले “चिंता मत करो पंचम, मैंने बैकअप तैयार कर लिया है, लेकिन एक बार उनके पास लेकर जाने तो दो”
और जब गुलज़ार साहब लता दीदी के पास गये और बोले कि “लता दीदी ये अंतरा देखिए, पंचम कहता है कि आपको अच्छा नहीं लगेगा”
तब लता जी हँस के बोलीं “अरे ये ही अंतरा तो अच्छा है, कुछ अलग है”
गुलज़ार साहब बताते हैं कि “जब भी मैं लता दीदी के लिए कोई गाना लिखता था तो ये सोचकर लिखता था कि कुछ नया, कुछ तो ऐसा दूँ जो उन्हें अलग लगे, अच्छा लगे. उस्ताद को ख़ुश करने के लिए कुछ तो करूँ”
आइए सुनते हैं वो 26 साल पहले रिकॉर्ड हुआ गाना ‘ठीक नहीं लगता’ जिसे गुलज़ार साहब ने लिखा था और अब विशाल भारद्वाज ने कम्पोज़ किया है –
स्वर कोकिला लता मंगेश्कर दीदी को जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं