दीवाली का त्यौहार बचपन की खूबसूरत यादों से भरी हुई है। पहाड़ों के स्वच्छ सुंदर वातावरण में, दीपावली के वो तीन दिनों का त्योहार, खुशियों के पैगाम लेकर उतरती रही, घर की साफ सफाई का नजारा दिवाली के कुछ दिन पहले से ही हमें दीपावली की खुशबू और आहट से भर देती थी। हम बच्चे तो बस एंजॉय करना चाहते थे, मैं अपनी बहन 'रंगोली' के साथ दरवाजे पर रंगोली बनाने की होड़ में लग जाती थी। कौन किससे बढ़िया रंगोली बना सकती है इसमें लग जाते थे। घर पर तरह तरह की मिठाइयों की खुशबू से वातावरण महक जाता था। सजे संवरे घर में पूजा के बाद दीपावली त्यौहार का शुभारंभ होता तो हम बच्चे रात को पटाखों के कार्यक्रम के लिए इंतजार करते थे। हालांकि पटाखों का शौक थोड़े समय के लिए ही रहा। आज पटाखे का प्रदूषण और धमाका मुझे बिलकुल रास नहीं आता है। अब मां लक्ष्मी जी की पूजा मिठाइयों का आदान-प्रदान और फिल्म इंडस्ट्री के मेरे अच्छे फ्रेंड्स कीे दीवाली पार्टी में शामिल होने का आनंद ही दिवाली मनाने का मुख्य उद्देश्य बन गया है। आप सब को मेरी तरफ से दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं। दीपावली का त्यौहार है, मन में सच्चाई रखना ही सच्चा उजाला है।
मन में सच्चाई रखना ही सच्चा उजाला है- कंगना रनौत
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