एक जमाना था जब श्रद्धा कपूर, अपने फ्री टाइम में तरह तरह की किताबें पढा करती थी लेकिन आज वे व्यस्ततम स्टार एक्ट्रेस में से एक है इसलिए चाहते हुए भी वे अपनी मनपसंद की किताबें ज्यादा नहीं पढ़ पाती है। पढ़ने की आदत छूटती देख उन्होंने एक रास्ता निकाला। अब वे शूटिंग के लिए जब घर से निकलती है तो कई किताबें लेकर निकलती है और सफर के दौरान तल्लीनता से पढ़ती रहती है। जब उन्हें कई बार आउट ऑफ मुंबई या आउट ऑफ इंडिया शूटिंग के लिए जाना पड़ता है तो वे फ्लाइट के दौरान भी किताबे पढ़ती है।
हाल ही में उन्होंने एड्रियाना ट्राईगियनहैंड लिखित 'द विज़डम ऑफ माय ग्रैंड मदर' तथा ' हू विल क्राई व्हेन यू डाई' (बाय रोबिन शर्मा) पढ़कर पूरा किया। श्रद्धा से जब किताबों की बातें छेड़ी तो वे उत्साह से बोली, 'यस, सफर के दौरान मैं सिर्फ और सिर्फ किताबें पढ़ती हूं। खासकर फ्लाइट के दौरान किताबें पढ़ना मुझे बहुत अच्छा लगता है क्योंकि फ्लाइट में फोन ऑफ रहता है। पढ़ने का सबसे बढ़िया नतीजा यह होता है कि हम अपने रोजमर्रा के वातावरण और कामों से कुछ समय के लिए डिसकनेक्ट हो जाते हैं'
अगर कभी श्रद्धा को किसी फिल्म की शूटिंग के दौरान या फ्लाइट पर, इजराइली लेखक युवल नोआह हरारी लिखित 'सैपीयन्स' पढ़ते हुए देखे तो उन्हें बिल्कुल डिस्टर्ब ना करें, वर्ना वे आपको भी चुपचाप किताबें पढ़ने की हिदायत दे डालेंगी।