सूफी गायकी के लिए मशहूर गायक प्यारेलाल वडाली का शुक्रवार को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। वह 75 साल के थे। गुरुवार रात उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद अमृतसर के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। रिपोर्ट्स की मानें तो प्यारेलाल वडाली को किडनी से संबंधित बीमारी थी।
युवाओं का बनाया मुरीद
बता दें की प्यारेलाल पूरनचंद वडाली के छोटे भाई थे। दोनों की जोड़ी वडाली ब्रदर्स के नाम से देश ही नही पूरी दुनिया में मशहूर है। उनकी ग़जलों ने युवाओं को भी उनका मुरीद बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वडाली बंधुओं का नाम आता है, तो अपने आप में जेहन में एक धुन बजने लगती है- 'तू माने या ना माने दिलदारा असां ते तेनूं रब मनया.' उनका ये गाना बेहद मशहूर रहा है। इतना ही बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी उन्होंने कई मशहूर गाने गाए हैं. इनमें 'ऐ रंगरेज मेरे' और 'इक तू ही तू ही' को काफी पसंद किया गया।
पद्मश्री से भी नवाजा गया
वडाली ब्रदर्स को उनके काम के लिए 1992 में संगीत नाटक अकादमी का प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया। 1998 में उन्हें तुलसी अवॉर्ड दिया गया था। वही 2005 में उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है।
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