दुनिया भर में शाहरुख खान के चाहने वाले और उनसे प्रेरित होने वाले लाखों ,करोड़ों फैन है लेकीन शाहरुख खान जिनसे प्रेरित रहें हैं और जिनसे उन्हें हौसला, हिम्मत और उत्साह मिलता रहा है वो है अमिताभ बच्चन, जिनके बारे में वे अक्सर अपने तमाम इंटरव्यूज़ में ज़िक्र करते रहतें हैं। अमिताभ बच्चन के प्रति अपना प्यार और आभार वे कई बार विभिन्न इवेंट्स और उत्सवों में जतातें रहें हैं। पिछले दिनों एक ऐसा वीडियो हमारे हाथ लग गया जिसमें एक लोकप्रिय अवार्ड उत्सव के दौयान शाहरुख खान ने बड़े ही दिलचस्प, अद्भुत अंदाज़ में अमिताभ बच्चन को ट्रिब्यूट अर्पित करते हुए, उनके लिए अपना भरपूर प्रेम और उनके विशाल व्यक्तित्व के प्रति आदरयुक्त भय को उजागर किया जिसमें थोड़ी मस्ती भी दिखी और नटखट चतुर अंदाज़ भी। एसआरके ने बताया कि कैसे वे एक अच्छे छात्र ना बन पाते और पढ़ाई लिखाई नहीं कर पाते अगर अमिताभ बच्चन और उनकी फिल्में ना होती। शाहरुख ने उसमें बताया कि जो महान व्यक्ति होते हैं वे अक्सर इस हकीकत से अनजान रहतें हैं कि उनकी महानता, उनका नाम, उनकी उपलब्धियां, उनकी छोटी छोटी बातें , कहीं ना कहीं, दूर दराज़ के लोगों पर कितना गहरा प्रभाव डालतें हैं। उसके पश्चात शाहरूख ने बताना शुरू किया कि अमिताभ बच्चन ने उनपर किस तरह बचपन से ही गहरा असर डाला।
बचपन की यादों को ताज़ा करते हुए वे बोलें, ' मैं तब नौ दस साल का था और मैंने अपने मां बाप से कहा कि मुझे फिल्म 'दीवार' देखनी है और जैसा की पढ़ाई में कमजोर बच्चों के मां बाप कहतें हैं वैसा ही उन्होंने भी कहा 'अगर 95 प्रतिशत लेकर आओगे तो तुम दीवार फिल्म देख सकते हो।' यह सुनकर मैंने लगन से बहुत पढ़ाई की। 95 प्रतिशत तो नहीं ला सका लेकिन तकरीबन नब्बे प्रतिशत तक नंबर ले आया और तब मेरे पेरेंट्स ने मुझे 'दीवार' फिल्म दिखाई। उसके बाद स्कूल में, कॉलेज में, पोस्ट ग्रेजुएशन में मैने बहुत अच्छी पढ़ाई की। फर्स्ट , सेकंड, थर्ड तक आता रहा। थोड़ा शो ऑफ कर रहा हूं।' यह कहकर शाहरुख हँस पड़े थे, फिर बोले, 'लेकिन श्री अमिताभ बच्चन जी को यह मालूम ही नहीं कि मैं जो थोड़ा बहुत पढ़ लिख गया वह सिर्फ उनकी वजह से था। फिर बड़ा हुआ तो एक दिन मां का पल्लू पकड़कर उनको बोला, 'मम्मी, मम्मी, मुझे हीरो बनना है।' मम्मी ने कहा, ' अभी तुम्हारा कद बहुत छोटा है। पहले अमिताभ बच्चन जी जैसा लंबे बन जाओ।' ये सुनकर मैं लंबा बनने के लिए बहुत लटका, बहुत झटका, जल नेत्री भी थी, लेकिन इतना लंबा नहीं हो सका तो वापस मां के पास गया और उनसे कहा, 'मैंने बहुत कोशिश की मम्मी, लेकिन मैं तो लंबा नहीं हो सका' तब मम्मी ने कहा, 'नहीं मैं उनके फिजिकल लंबे कद की बात नहीं कर रही हूं। मैं उनके काम के कद के बारे में बात कर रही हूं। जब भी कोई काम करो, कोई कर्म करो तो उसे ऐसा करो कि काम को खुद गर्व हो कि तुमने उसे अंजाम दिया। माँ की वह बात मैंने अपने पल्ले में बांध ली। अमित जी को यह नहीं मालूम है कि आज भी, जब मैं कोई काम करता हूं तो यह सोचता हूं कि मेरी मां के लफ्ज़ और आपकी इज्जत कभी कम ना हो उस काम की वजह से।'
शाहरुख ने सिर्फ इतना ही नहीं कहा बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद को कितना भाग्यशाली महसूस करते हैं कि उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका और अधिकार मिला। आगे उन्होंने कहा, ' बड़े बड़ों की जुर्रत नहीं है कि इनके साथ काम कर सके, इनसे मिल सके, लेकिन मेरी खुशकिस्मती है कि मैं इनके साथ काम कर सका। उनके साथ फ़िल्म 'मोहब्बतें' करते हुए हमें यह मालूम पड़ा कि जिस स्कूल के हम लेक्चरर है उस स्कूल के वे प्रिंसीपल साहब है। फ़िल्म ,'कभी खुशी कभी गम' करते हुए मुझे समझ आया के जिस प्रेम छवियों के हम हीरो माने जाते हैं वे उस हीरो के बाप हैं और मैं कभी किसी भी हीरो, किसी भी स्टार, किसी भी आर्टिस्ट को इनसे कंपेयर करने की हिमाकत नहीं करूंगा। सच बात है कि जितने भी स्टार अब तक आए हैं, जितने भी स्टार हैं और आगे जितने भी स्टार होंगे , वह आज भी श्री अमिताभ बच्चन के सामने चीनी कम है।' अमितजी के प्रति अपनी ट्रिब्यूट के अंत में वे बोले थे, 'इसलिए मैं पूरे भारत के फिल्म जगत की तरफ से अपना सर उनके आगे झुकाता हूं और उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमें उनके साथ इतिहास का छोटा हिस्सा बनने और उनके साथ खड़े होकर उसी हवा में साँस लेने की इजाजत दी जहाँ वे साँस ले रहे हैं।'
शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन ने एक साथ कई फिल्मों में काम किया जैसे, 'मोहब्बतें', ', कभी खुशी कभी गम गम', 'कभी अलविदा ना कहना' 'वीर जारा', 'पहेली' और भी कई सारी फिल्में। इसी वर्ष बच्चन जी ने शाहरुख खान द्वारा निर्मित 'रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट कृत फिल्म 'बदला' में प्रोटागोनिस्ट का रोल प्ले किया, उनके साथ तापसी पन्नू थी