पुलिस अधिकारियों पर बॉलीवुड में कई फिल्मे बनी हैं लेकिन वन अधिकारी पर न के बराबर फिल्मे बनी हैं. एक रियल लाइफ़ फारेस्ट ऑफिसर रह चुके तुकाराम मोने ने इस विषय पर हिंदी फ़िल्म "वनश्री" का निर्माण किया है. मुम्बई के रेड बल्ब स्टूडियो में निर्माता तुकाराम मोने व निर्देशक सुरेश सरोज की फ़िल्म "वनश्री"का जबरदस्त ट्रेलर और म्युज़िक लांच किया गया. तुकाराम मोने फ़िल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म के लेखक और निर्देशक सुरेश सरोज हैं. इस फ़िल्म से ऎक्ट्रेस अँमी अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रही हैं जो फारेस्ट ऑफिसर की धमाकेदार भूमिका में हैं.
फ़िल्म में बेहद महत्वपूर्ण किरदार अदा कर रही अभिनेत्री. ज़रीना वहाब भी इस लांच पर मौजूद रहीं. साथ ही मेहमान के रूप में नगरसेवक राजू पेडणेकर, अभिजीत राणे, दिलीप सेन, सुनील पाल भी मौजूद रहे. अली खान, सुफियान कपाड़िया सहित सभी मेहमानों को फूलों का गुलदस्ता देकर कांता मोने जी ने सम्मानित किया. सुरेश सरोज न सिर्फ इस फ़िल्म के राईटर और डायरेक्टर हैं बल्कि एक्शन डायरेक्टर भी हैं. उन्होंने गाने भी कोरियोग्राफ किए हैं. उनका कहना है कि निर्माता तुकाराम मोने का कॉन्सेप्ट कमाल का है. वह एक बेहतरीन प्रोड्यूसर हैं. मैं भाग्यशाली मानता हूं कि मेरी पहली फीचर फिल्म में मुझे जरीना वहाब और अली खान जैसे मंझे हुए एक्टर्स को डायरेक्ट करने का अवसर मिला.
फ़िल्म के ट्रेलर में जबरदस्त डायलॉग भी हैं. एक संवाद है "पौधे मेरी आत्मा हैं". फ़िल्म का एक गीत जो हीरोइन अँमी पर फिल्माया गया है वह कमाल का है जिसके बोल हैं "जंगल की है ये शेरनी, सबसे बड़ी शिकारी". फ़िल्म का खूबसूरत संगीत तैयार किया है लक्ष्मीनारायण ने जबकि गानों को नक्काश अज़ीज़, पामेला जैन और खुशबू जैन ने आवाज़ दी है. फ़िल्म में अँमी, ज़रीना वहाब, तुकाराम मोने, समीर खान, अली खान, कुमार राजपूत, राजेश भाटी, ज्ञानिश मोगा ने अभिनय किया है. फ़िल्म के सह निर्माता सुजीत मोने हैं.
फ़िल्म के लेखक मनोज सिंह हैं. स्क्रीनप्ले और डायलॉग सुरेश सरोज और मनोज सिंह ने लिखा है. एक्शन डायरेक्टर सुरेश सरोज, डीओपी राजकुमार बघेल व हेमंत महेश्वरी, कोरियोग्राफर सुरेश सरोज, विक्रम बोराडे हैं. फ़िल्म 23 सितंबर 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है. निर्माता तुकाराम मोने ने बताया कि फारेस्ट डिपार्टमेंट में 29 साल काम करने के बाद फारेस्ट डिपार्टमेंट पर यह फ़िल्म बनाई है. फ़िल्म में महिला सशक्तिकरण को भी दर्शाया गया है. अँमी ने एक वन अधिकारी की भूमिका प्रभावी रूप से निभाई है. फ़िल्म में 3 गाने हैं. एक आइटम नंबर भी है मगर उसमे जंगल का बैकग्राउंड है.
प्रोड्यूसर तुकाराम ने आगे बताया कि फारेस्ट डिपार्टमेंट के लोगों की जिम्मेदारी कितनी अहम होती है, इस पिक्चर में दिखाया गया है. अँमी ने इसमे जांबाज़ फारेस्ट अधिकारी की भूमिका में जान डाल दी है. मेरी एक तमन्ना थी कि फारेस्ट डिपार्टमेंट पर एक फ़िल्म बनानी है, पुलिस डिपार्टमेंट पर तो कई फिल्मे बनी हैं मगर फारेस्ट डिपार्टमेंट पर न के बराबर फिल्मे बनाई गई हैं. इसमे पेड़ को बचाने और नए पौधे लगाने का सन्देश दिया गया है.