वडाली ब्रदर्स के पदमश्री पूरनचंद वडाली अस्सी वर्ष की उम्र में भी पूरे जोश और होश में गा रहे हैं। इस बात का एहसास हुआ सिनेमिर्ची प्रोडक्शन की फिल्म ‘लस्ट वाला लव’ के एक सूफी गीत की रिकॉर्डिंग पर। दरअसल अपने छोटे भाई प्यारे लाल वडाली की मौत के बाद पूरनचंद वडाली ने लगभग गाना छोड़ ही दिया था, लेकिन लेखक निर्देशक रतन पसरीचा ने उनके बेटे लखविन्दर को गाना सुनाया तो उन्हें इतना पंसद आया कि उसने अपने पापा पूरनचंद जी को सुनाया। गीत सुनने के बाद बड़े वडाली गाना गाने के लिये बेटे के साथ फौरन मुबंई के लिये उड़ लिये।
यशराज रिकॉर्डिंग स्टूडियो में वडाली एंड सन ने ‘तेरा हुआ है करम’ नामक सूफी गीत कुछ इस तरह से गाया कि फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ में उनके गाये गाने ‘रंगरेज मेरे’ की याद ताजा हो गई। दस बारह घंटे तक चली इस रिकॉर्डिंग मे वडाली एंड सन उस वक्त तक गाते रहे जब तक वे गीत से खुद संतुष्ट नहीं हो गये।
निर्माता चन्द्रकांत शर्मा व लेखक निर्देशक तथा गीतकार रतन पसरीचा की इस फिल्म के बारे में पसरीचा का कहना है कि ये लस्ट और लव के चक्कर में फंसे दो भाईयों की कहानी है। गीत के जरिये बताने की कोशिश की है कि प्यार ही खुदा है और खुदा ही प्यार है। आपकी जिन्दगी में प्यार नही तो आपका जीवन व्यर्थ है। जब तक लस्ट है तब तक आप खोखले हैं लेकिन लव आपकी जिंदगी में बहार ले आता है। अगर इस गाने की बात करें तो रंगरेज मेरे, इक तू ही तू जैसे गीतों की तरह ‘तेरा हुआ करम’ भी लोकप्रिय होने वाला है।
फिल्म लस्ट वाला लव की कास्टिंग जारी है। फिल्म फरवरी में सेट पर जायेगी।