संजय दत्त के लिए यह दीपावली बेहद खास है, क्योंकि रिहा होने के बाद यह उनकी पहली दिवाली है जो वे मुक्त वातावरण में, अपनी बीवी बच्चों और तमाम फिल्मी तथा गैर फिल्मी दोस्तों के साथ मनाने वाले हैं। मुझे याद है, वर्षों पहले जब मैंने दिवाली इशु के लिए उनसे बातचीत की थी तथा पूछा था कि वे दिवाली कैसे मनाते हैं तो उन्होंने कुछ खास रिएक्ट नहीं किया था। आज इतने वर्षों के बाद जब एक बार फिर हम उनसे पूछते हैं कि दीपावली उनके लिए क्या मायने रखता है? तो उनके जज्बातों में एक अनोखी चमक मुझे साफ नजर आती है। उन्होंने कहा, 'मेरे लिए यह दिवाली बहुत स्पेशल है, मेरे बच्चे अब थोड़े बड़े हो गए हैं, थोड़े समझदार हो गए हैं, उनके साथ साथ मैंने भी ग्रो किया है। हर त्योहार बल्कि हर दिन का वैल्यू मेरी समझ में आ गई है। मैं इस दीपावली को और आने वाली प्रत्येक दिवाली को भरपूर तरीके से एंजॉय करना चाहता हूं। मैंने अपने जीवन का जो कीमती वक्त खोया है, अपने परिवार से, बच्चों से दूर रहने का जो दर्द उठाया है, उसकी अब भरपूर भरपाई करना चाहता हूं। मैं दीपावली को ही नहीं बल्कि हर दिन अपने बीवी बच्चों को पैम्पर करना चाहता हूं, उन्हें हर दिन स्पेशल महसूस करवाना चाहता हूँ। घर सजाने और दीपावली की खास डेकोरेशन करने का आनंद मेरी वाइफ मान्यता उठाना पसंद करती है। जी हाँ, दीवाली पार्टी मेरे घर पर भी होगी जहां मेरी बहनें और बहनों के परिवार, मेरे और मान्यता के कॉमन फ्रेंड्स शरीक होंगे। मैं पटाखों का शौक नहीं रखता था, आपको मैंने बताया था। आज तो बिल्कुल नहीं रखता हूं। मेरे नन्हें बच्चे शगुन की फुलझड़ी जब जलाएंगे तो पूरा परिवार दीपावली के उत्सव में इकट्ठा होकर आनंद मनाएंगे। मैं अपने मायापुरी के पाठकों को भी हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहुंगा कि दिवाली के अवसर पर जी भरकर दिवाली का आनंद उठाइए, हर दिन का जश्न मनाइये।
यह दीपावली संजय दत्त के लिए खास क्यों और कैसे हैं??
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