हैप्पी बर्थडे- दिबाकर बनर्जी
दिबाकर बनर्जी एक भारतीय फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक हैं। इनका जन्म 21 जून 1969 को नई दिल्ली में हुआ था।उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई बाल भारती स्कूल दिल्ली से की है। इसके बाद उन्होंने नेशनल इंस्टीयूट ऑफ़ डिजाइन अहमदाबाद से विजुअल कम्युनिकेशन और ग्राफ़िक डिजाइन की। वंहा से वापस आने के बाद उन्होंने ऑडियो-विजुअल फिल्मकेर सैम मथेयोज के साथ काम करना शुरू कर दिया।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक नौकरी से की जो की एक एडवरटाइजिंग कंपनी में काम करने से शुरू हुआ। उसके बाद वह कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड विज्ञापन से दिल्ली में जुड़ गए।वंही पर उनकी मुलाकात जयदीप साहनी से हुई, जिन्होंने फिल्म खोसला का घोसला की कहानी और संवाद लेखन लिखा था। साल 1997 में उन्होंने वह कॉन्ट्रैक्ट तोड़ कर खुद की एक विज्ञापन कंपनी का निर्माण किया।यंहा उन्होंने कई टीवी शोज़ के शूट किये। इसके बाद वह मुंबई आ गए। और खोसला का घोस्ला नामक फिल्म का निर्माण किया। जिसमे अनुपम खेर लीड रोल मे थे ।अपनी क़ाबलियत के बल पर उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग महज 45 दिन ही मे खत्म कर डाली। फिल्म रैलिस होते ही सबने इनकी काफी तारीफ की व इन्हे उनकी डेब्यू निर्देशन के लिए राष्ट्रिय पुरुस्कार से भी नवाजा गया।पहली फिल्म ने ही इन्हे मशहूर निर्देशक बना दिया । उसके बाद इनकी दूसरी मूवी आई ' लव सेक्स धोखा ' जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। उसके बाद आई इनकी फिल्म 'संघाई' जो की एक पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म थी।फिल्म ने ठीक थक कमाई की बूत फल की प्रशंसा बहुत हुई ।उसके बाद साल 2013 मे इन्होने बॉम्बे टॉकीज का निर्देशन किया। पर इसबार इस फिल्म को चार निर्देशकों ने मिलकर बनाया था-अनुराग कश्यप, जोया अख्तर और कारण जौहर। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छी कमाई की थी।उसके बाद उनकी एक रियल लाइफ पर बेस्ड फिल्म आई जो की एक बायोपिक थी ब्योमकेश बक्शी। इस फिल्म का निर्माण दिबाकर ने यश राज फिल्मस और प्रोडक्शन के तहत किया था। हालांकि फिल्म बॉक्स-ऑफिस कुछ खास नहीं रही पर हमेशा की तरह आलोचकों ने दिबाकर की मेहनत को बहुत सराहा गया इनकी आखिरी फिल्म तितली (2014) थी ।