डिज़्नी स्टार के एंटरटेनमेंट चैनल 22 अप्रैल, 2022 से पृथ्वी के सच्चे चैंपियनों की शॉर्ट फिल्में भी लोगों को दिखाएंगे
पृथ्वी ही हमें जिंदा रखती है और हमारे अस्तित्व की गुणवत्ता इस बात से निर्धारित होती है कि हम अपने ग्रह की कितनी बढ़िया देखभाल करते हैं। किसी व्यक्ति को केवल एक छोटा-सा बदलाव लाने की जरूरत होती है, जिसका इस ग्रह पर बड़ा प्रभाव पैदा हो सकता है। अपने दर्शकों के लिए आशा और प्रेरणा की यह किरण प्रस्तुत करते हुए नेशनल जियोग्राफ़िक ने कहानी कहने की अपनी शक्तिशाली और भरोसेमंद समृद्ध विरासत के साथ पृथ्वी दिवस पर 'वन फॉर चेंज' शीर्षक से अपनी तरह की अनूठी पहल आरंभ करने का ऐलान किया है। नेशनल जियोग्राफ़िक इस पहल के माध्यम से शॉर्ट फिल्मों की एक सीरीज प्रदर्शित करेगा, जिसमें उन चेंजमेकर्स की खास कहानियों पर प्रकाश डाला जाएगा, जिन्होंने हमारी दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए असाधारण कदम उठाए हैं। नेशनल जियोग्राफ़िक के साथ-साथ डिज़्नी स्टार के एंटरटेनमेंट चैनल भी फिल्में दिखाकर और अपने करोड़ों दर्शकों को बदलाव के रास्ते पर चलने के लिए प्रोत्साहित करके इस पहल का समर्थन करेंगे।
नेशनल जियोग्राफ़िक के टेलीविजन प्लेटफॉर्म और डिज़्नी स्टार के तमाम एंटरटेनमेंट चैनलों पर प्रीमियर होने वाली इन फिल्मों को नेशनल जियोग्राफ़िक के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी रिलीज किया जाएगा, जिनकी भारत में कुल मिलाकर 10 मिलियन से ज्यादा फॉलोइंग है। दर्शकों को वही एक कदम उठाने तथा 'बी द वन फॉर चेंज' के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने का उद्देश्य लेकर चलने वाली ये कहानियां इन जोशीले इंसानों की यात्रा पर ध्यान केंद्रित करेंगी तथा दर्शकों को उनकी जिंदगी, उनके जुनून से परिचित कराएंगी, तथा इस बात पर प्रकाश डालेंगी कि इस ग्रह को बचाने के विलक्षण मार्ग पर चलने के लिए उन्हें किस चीज ने मजबूर और प्रेरित किया। एक पृथ्वी दिवस स्पेशल के रूप में ‘वन फॉर चेंज’ पहल 10 चेंजमेकर्स के प्रेरणादायी कार्यों को उजागर करेगी – जिनमें से प्रत्येक ने किसी निर्णायक चयन को एक बदलाव बना दिया।
'हमारी दुनिया के ज्ञान और समझ को आगे बढ़ाना नेशनल जियोग्राफ़िक का मूल है। वर्षों से हमने अपने विचारोत्तेजक और तथ्य आधारित कथानकों के बल पर दुनिया को बेहतर ढंग से समझने और इसकी देखभाल करने में अपने दर्शकों की मदद की है। ‘वन फॉर चेंज’ के जरिए हम देश भर के ऐसे अद्भुत व्यक्तियों की उल्लेखनीय कहानियों के माध्यम से अपने दर्शकों को जगाना और प्रेरित करना चाहते थे, जिन्होंने हमारे ग्रह को प्यार करने की दिशा में पहला कदम उठाया है तथा और भी बहुत कुछ किया है।“- कहना है केविन वाज़ (हेड - नेटवर्क एंटरटेनमेंट चैनल्स, डिज़्नी स्टार) का।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए केविन ने कहा, “इस पहल की प्रकृति और उद्देश्य को देखते हुए हमारे पास डिज़्नी स्टार के तमाम एंटरटेनमेंट चैनलों की ताकत मौजूद होगी, जो हमारे सभी चैनलों पर फिल्में दिखाएंगे और उन्हें हमारे लाखों दर्शकों तक पहुंचाने के लिए आवश्यक जोर लगाएंगे। इसके साथ हम आशा करते हैं कि हमारी धरती माता और इसके लोगों के प्रति जुनून, विजय और विशुद्ध प्रेम की ये कहानियां एक चिंगारी जलाएंगी और इस ग्रह के सभी प्रेमियों को पृथ्वी के लिए एक स्थायी और आशावादी भविष्य का निर्माण करने की दिशा में वही एक छोटा-सा कदम उठाने के लिए प्रेरित करेंगी।“
“हम सभी नेशनल जियोग्राफ़िक देखते और पढ़ते हुए बड़े हुए हैं और इस ब्रांड की एक चीज, जो मुझे वाकई काबिलेतारीफ लगती रही है, वह है लोगों को बेहद दिलचस्प और उत्तेजक कहानियों के माध्यम से प्रेरित करने की क्षमता। ‘वन फॉर चेंज’ यकीनन एक खास पहल है, जिसके तहत यह ब्रांड उन व्यक्तियों की सफलता की कहानियां सुनाने हेतु अपना मंच प्रदान कर रहा है, जिन्होंने अपने चयन के माध्यम से इस ग्रह की बेहतरी की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मेरे जैसी महिला के लिए, जो जलवायु संरक्षण की जरूरत में यकीन रखती है, इस तरह की पॉवरफुल ईवेंट का हिस्सा बनना वाकई उत्साहजनक साबित हुआ। मुझे उम्मीद है कि यह ईवेंट दुनिया में बदलाव लाने की अपनी अनूठी क्षमता के बल पर एक सस्टेनेबिलिटी मूवमेंट चलाने का रास्ता निर्धारित करेगी।“- यह कहना है दीया मिर्जा का।
इस सीरीज में दिखाए गए दस चेंजमेकर हैं:
वाणी मूर्ति- वर्म क्वीन के नाम से मशहूर वाणी कम्पोस्ट खाद बनाने की अहमियत के बारे में जागरूकता फैला रही हैं
पूर्णिमा बर्मन देवी- हारगिला आर्मी की यह लीडर लुप्तप्राय ‘ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क’ के संरक्षण की दिशा में काम कर रही हैं
तेजस सिडनल- एक ऐसी वास्तुकार, जिन्होंने कार्बन कचरे से बनी एक अनूठी टाइल का आविष्कार किया है
वेंकटेश चार्लू- एक पथ-प्रदर्शक मरीन कंजर्वेशनिस्ट, जो गोवा में कोरल रेस्टोरेशन का काम कर रही हैं
विद्युत मोहन - 2020 के ‘यूएनईपी यंग चॅम्पियन ऑफ द अर्थ' ने एक ऐसी मशीन बनाई है, जो खेत के बेकार अवशेषों को किसानों के लिए मूल्यवान उत्पादों में तब्दील कर देती है
वर्षा रायकर- रेडियो बुंदेलखंड की आरजे, जो क्लाइमेट चेंज के बारे में जागरूकता फैला रही हैं
रुक्मणी कटारा- ग्रामीण भारत में अक्षय ऊर्जा क्रांति की मशाल जलाने वाली एक सोलर कंपनी की सीईओ
पूनम और आदित्य सिंह- एक युगल, जो रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बाहरी इलाके की बंजर भूमि को मनुष्य और जानवर के बीच का बफर ज़ोन बनाने में जुटा है
तुलसी गौड़ा- पद्मश्री विजेता तुलसी बीते 50 वर्षों से अपने गांव में वनों का संरक्षण कर रही हैं और उन्हें वनों का जीता-जागता एनसाइक्लोपीडिया कहा जाता है
सोनम वांगचुक- एक ऐसी इको-आर्किटेक्ट, जिन्होंने प्रकृति के तत्वों का उपयोग करके लद्दाख में कार्बन न्यूट्रल इमारतों के निर्माण का बीड़ा उठाया है