सोणिये हीरिये, जान वे, ज़िन्दगी तेरी याद में, नचले सोणिये तू जैसे हिट गानों के जरिये भारतीयों के दिल में उतरने वाले शैल अब अपने नए एलबम के जरिये दिलो में दस्तक दे रहे है। मूल रूप से रोमानी धुनों, दिलो के एहसास जगाने वाले गानों के सुरीले गायक शैल का नया गाना देश विदेश चर्चा में है। सिंगापुर से आए शैल ने इस एलबम के लॉन्च पर हमसे कुछ बात की।
एक बार फिर दिल के एहसासो का कोका ?
जी हाँ, मैं युवाओ के गहरे प्रेम एहसासो को शब्द और संगीतमय बनाना चाहता हूँ। युवा वर्ग की भावनाओ से जुड़कर मैं ताज़गी महसूस करता हूँ।
कोका को न्यूयॉर्क में सूट करने की वजह ?
इसके जरिये एक तो पूरी दुनिया में महक रहे भारतीयों से जुड़ना था, तो दूसरी और न्यूयॉर्क की भव्यता से रोमानी एहसासो में गहरे रंग भरता था। इसके चलते एलबम के रंग गहरे हो गए।
आपका पंजाब से जुड़ाव कितना गहरा है ?
मैं पूरी तरह पंजाबी हूँ। काफी छोटी उम्र सिंगापुर चला गया था पर भारत से जुड़ा रहा हूँ और जब भी वक़्त मिलता है इंडिया आ जाता हूँ। दरअसल सिंगापुर मेरी कर्मस्थली है और भारत मेरी मर्मस्थली है। वहां में दुनियावी ज़रूरतों के लिए रहता हूँ पर भारत से मैं रूहानी एहसासो से जुड़ा रहता हूँ। दिल्ली में मेरी माँ रहती है इसीलिए माटी मुझे खींच ही लाती है।
संगीत की दुनियाँ में कैसे आये ?
संगीत गीत में बचपन से लगाव था और मैं अच्छा म्यूजिक सुनना पसंद करता हूँ। एक बार लंदन में टैलेंट हंट शो हुआ जिसमें मैने अपना गाना रिकॉर्ड करके भेजा गाना उन्हें पसंद आया और मुझे चुन लिया गया। इसके बाद हमने एलबम निकाली कहा है तू, और तब से अब तक संगीत सफर चल ही रहा है।
आप एक चॉकलेटी हीरो जैसे दिखते है क्या आपने कभी फिल्में करने की नहीं सोची ?
नहीं, मैं अपनी गायकी की दुनिया में काफी खुश हूँ और अपनी एलबम में जो अभिनय कर लेता हूँ इतना ही काफी है, और लोगों के दिलों से मैं गीत संगीत के जरिये ही जुड़ा रहना चाहता हूँ।
अपनी एलबम में से आपके दिल के करीब कौनसा गाना है ?
शैल हँसते हुए, जैसे माँ को अपने सभी बच्चे पसंद होते है और दिल के करीब होते है वैसे ही मुझे भी अपनी सभी एलबम से लगाव है पर मुझे सोणिये हीरिये खास पसंद है क्योकि इसे करते समय मेरी आँखे नम हो गयी थी।
'कोका' कैसे सुरों ढाला गया ?
दरअसल मेरी पहली एलबम से जुड़े हुए विद्युत गोस्वामी ने मुझे एक धुन सुनाई तो महसूस हुआ की यह धुन पंजाबी मूड के करीब है तब हमने निर्देशक अमरजीत सिंह और सावंत घोष से बात की और 'कोका' तैयार हुआ। विद्युत वैसे बंगाली मूल के है पर उन्होंने पंजाबी रंग भर दिए और यही भारत की खासियत भी है।