बहुत दिनों से आपको ज़िन्दगी में जिस एंटरटेनमेंट के तड़के की ज़रुरत महसूस हो रही थी बस उसी का नाम है सिम्बा! पर जनाब, इस तड़के में आप लॉजिक ढूंढ़ने मत निकल पड़ियेगा, नहीं तो खाली हाँथ ही वापस लौटना होगा क्योंकि रोहित शेट्टी की फिल्म से आप और क्या ही उम्मीद कर सकते हैं?
कहानी
एकदम ज़िंदादिल और कूल पुलिस वाले भालेराव संग्राम (रणवीर सिंह) जिसे सब सिम्बा के नाम से जानते हैं अपनी बहन के साथ हुए हादसे के बाद बिलकुल बदल जाते हैं, पर क्या उनका यह नया रूप 'बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत होती है ' वाले रास्ते पर ले जा पायेगा? ये तो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. पूरी कहानी रणवीर सिंह के इर्द गिर्द घूमती है जो की इस विश्वास के साथ बड़ा हुआ है की जिसके पास पैसा है ताकत उसी के पास होती है और पुलिस की वर्दी वाला सबसे ज़्यादा ताकतवर होता है . इसीलिए बचपन से ही उसका सपना पुलिस अफसर बनने का था और इस हद तक था की वो अपनी बांह पर उसका टेटू भी करा लेता है.
ये कहानी देश के हर इंसान के लिए है, ये मल्टीप्लेक्स से ज़्यादा सिंगल स्क्रीन्स पर कमाल दिखाएगी| क्या रणवीर सिंह एक अच्छा पुलिस वाला बनेगा? सिंघम फिल्म को किस तरह से इसके साथ जोड़ा गया है? इन सारे सवालों के जवाब के लिए थिएटर में जाकर फिल्म देखकर आएं.
प्रदर्शन
रणवीर सिंह की एनर्जी ही इस फिल्म की जान है और वो पुलिस वाले के रोल में बिलकुल खरे उतरे हैं. रणवीर ने सिम्बा के किरदार को आसानी से पर थोड़ी ओवरएक्टिंग के साथ निभाया है जिसकी बॉलीवुड में छूट है! मराठी एक्सेंट में ताबड़तोड़ डॉयलोग्स भी आपको वाह वाह करने पर मजबूर कर देंगे|
पर जैसे जैसे फिल्म गंभीर मोड़ लेने लगती है उनकी मज़ाकिया हरकतें बुरे लोगों के लिए तकलीफ बन जाती हैं और इसे पूरे एक्शन और इमोशन के साथ परदे पर परोसा गया है| चाहे वह पहले हॉफ में सबको हँसाते हुए हो या दूसरे हॉफ में सबको मारते हुए रणवीर ने हर करैक्टर में जान फूंकी है. दूसरी ओर सारा अली खान को सिर्फ स्वादानुसार ही फिल्म में डाला गया है उनका स्क्रीन टाइम कम है लेकिन उन्होंने इसे भी अच्छे से निभाया है और अपनी पिछली फिल्म की ही तरह वो इस फिल्म में भी अपनी माँ अमृता सिंह की याद दिला जाती हैं | सह कलाकार भी अपनी - अपनी भूमिकाओं में फिट बैठते हैं.
निर्देशन और एडिटिंग
सिम्बा जैसी फिल्म रोहित शेट्टी ही बना सकते थे. बात ख़तम! सीटीमार डायलॉग्स, तड़कते भड़कते गाने, हवा में उड़ती हुई गाड़ियां, मार धाड़ और धमाकेदार पर्फॉर्मन्सेस इससे कोई और उम्मीद करना नाइंसाफी होगी. अगर आपको भी ऎसी फिल्म्स पसंद है तो इसे मिस न करें| अगर एडिटिंग की बात करें तो हर एक्शन मूवी की तरह इसकी भी थी इसीलिए इसके बारे में ज़्यादा बात करने के लिए कुछ नया नहीं है.
निचोड़
अच्छाई पे बुराई की जीत, वही ज़िन्दगी से बड़ी फिल्म, पैसा वसूल वाले डायलॉग्स, असली सिंघम (अजय देवगन) का कैमियो, नहीं - नहीं कहानी यहाँ ख़तम नहीं होती, अब कुछ तो सरप्राइज़ होना चाहिये ना! हिंट के लिए आपको बता देते हैं की इसमें एक और बॉलीवुड सितारा नज़र आने वाले हैं!
मायापुरी की तरफ से इस फिल्म को मिलते हैं 5 में से 3 स्टार्स!