'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के गोकुलधाम निवासी जेठालाल डीलरशिप की नुमाइश में भाग लेने के लिए सूरत गए हुए हैं। टप्पू सेना अपने कॉलेज के साथ एक स्टडी कैंप के लिए मुंबई से बाहर गए हुए हैं और बापूजी अपने घर में बिलकुल ही अकेले हैं। बस यहीं से उनके अकेलेपन के साथ शुरुआत होती है उनके डर की और उन्हें मटका किंग मोहनलाल के फ्लैट में एक भूत नजर आता है। घबराये और डरे हुए बापू जी तुरंत फोन करके भिड़े को इसकी सूचना देते हैं।
पूरा पुरुष मंडल मटका किंग मोहनलाल के फ्लैट के सामने आ जाता है पर वे उसके घर में नहीं जा पाते क्योंकि किसी के पास उसके घर की चाभी नहीं है। वे घर के मालिक के अस्सिटेंट से फोन करके चाभी मांगते हैं पर वो बताता है कि चाभी उन्हें 3 दिन के बाद ही मिल सकती है। बापू जी का एक दोस्त उन्हें सलाह देता है कि घर के बाहर धतूरे का पेड़ रखने से भूत भाग जाता है। जब बापूजी मोहनलाल के घर के बाहर धतूरे का पेड़ रखने जाते हैं तो उन्हें घर के अंदर से संगीत की आवाज आती है। बस अब तो बापूजी दहशत में आ जाते हैं।
गोकुलधाम के निवासी भूत की कहानी में विश्वास नहीं करते पर क्या वे बापूजी को अपने ही घर में सुरक्षित होने का विश्वास दिला पाएंगे ? जेठालाल और टापू को क्या जल्दी ही वापिस आना पड़ेगा ?