मायापुरी अंक 12.1974
बेगम पटौदी (शर्मिला टैगोर) एक समुन्द्र में तैरते आइसबर्ग की तरह है। जितना आप ऊपर से दिखती है, उससे सात-गुना भाग छिपा रहता है। बेगम साहिबा की ऋषि दा से अनबन चल रही थी। किस्मत ही कहिये (वरना यह भी कोई बेगम की योजना थी) कि ऋषि दा और बेगम कलकत्ता से बम्बई तक एक ही जहाज में आये। रास्ते में बेगम ने ऋषि दा जैसे सुलझे व्यक्ति पर जाने कैसा जादू कर दिया कि बम्बई में उतरते ही ऋषि दा बेगम साहिबा के गुण गाने लगे। उन्होनें अपनी फिल्म ‘चुपके चुपके’ में आशा पारिख का पत्ता काट कर हीरोइन का रोल शर्मिला टैगोर को दे दिया क्या आप अंदाजा लगा सकते है कि आशा पारिख पर क्या बीती होगी ?
तब बेचारी आशा पारिख अमेरिका में एक डांस टूर लगा रही थी. अचानक ही उसने सोचा मुझे वापस चलना चाहिये, मेरे कारण ऋषि दा की फिल्म लेट हो रही होगी बस आशा टूर का सारा प्रोग्राम कैंसल कर वापस लौट आई। यहां आकर वह कई दिन ऋषि दा के फोन का इंतजार करती रही मगर तभी उन्हें यह जानकारी मिल गई कि फिल्म में अब बेगम साहिबा काम कर रही है। बेचारी