अनुष्का शर्मा भी फिल्म एनएच 10 के जरिये फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतर चुकी है । थ्रिलर फिल्मों की शौकीन अनुष्का ने थ्रिलर फिल्म से ही अपने होम प्रोडक्शन की शुरूआत की है । इस फिल्म को लेकर अनुष्का के क्या अनुभव रहे । बता रही हैं इस मुलाकात में ।
‘एन एच10’ किस प्रकार की थ्रिलर फिल्म है ?
यह एक कपल की करीब पौने दो घंटे की ऐसी जर्नी हैं जिसमंे उनके साथ ढेर सारी दिलचस्प घटनायें घटित होती हैं जिसे रोमांचक तरीके से दर्शाया गया है । मेरे अपोजिट नील भूपलम हैं ।जिन्हांेने पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी भूमिका को अंजाम दिया है ।
अपने किरदार के बारे में थोड़ा खुल कर बताना पसंद करेगीं ?
मेरे किरदार का नाम मीरा है और अर्जुन यानि नील भूपलम ने मेरे पति की भूमिका निभाई है । हम गुड़गांव शहर में रहते हैं । एक वीक एंड में हम घूमने का प्रोग्राम बनाते हैं । लेकिन नेशनल हाइवे पर हमारे साथ कुछ ऐसी घटनायें घटित होने लगती हैं । जो फिलहाल बताना उचित नहीं होगा । वरना फिल्म की दिलचस्पी खत्म हो जायेगी ।
फिल्म निर्मात्री बनने की कैसे सूझी ?
मैं कभी कोई काम प्लान बनाकर नहीं करती । ऐसा ही इस फिल्म के साथ भी हुआ । दरअसल जब मुझे इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाई गई तो मेरे दिमाग में आया कि क्यों न इसे खुद प्रड्यूस किया जाये । इस तरह इस फिल्म की ‘ाुरूआत हुई ।
फिल्म के निर्देशक के बारे में क्या कहना है ?
निर्देशक नवदीप सिंह इससे पहले ‘मनोरमा सिक्स फीट अंडर’ जैसी दिलचस्प फिल्म बना चुके है लेकिन मैने उनकी इस फिल्म से ज्यादा उनकी इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर ज्यादा ध्यान दिया । दरअसल जिस प्रकार से उन्होंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाई, उससे मुझे लगा कि वे अपने काम को अच्छी तरह से जानते हैं ।
क्या आपने ‘मनोरमा सिक्स फीट अंडर ’ देखी थी ?
मैने इस फिल्म की चर्चा जरूर सुनी थी लेकिन मैने महज उन्हें परखने के लिये फिल्म देखना जरूरी नहीं समझा बल्कि मुझे अपनी फिल्म की स्क्रिप्ट पर ध्यान देना ज्यादा उचित लगा । दरअसल मैं स्क्रिप्ट को लेकर बेहद रोमांचित हो गई थी, इसलिये में अपना घ्यान कहीं और भटकने नहीं देना चाहती थी ।
थ्रिलर ही क्यों ?
क्योंकि थ्रिलर फिल्में मुझे हमेशा से पसंद रही हैं । मैंने हमेशा ऐसी फिल्मों को एंजॉय किया है । इसलिये जब मेरे पास ये फिल्म आई तो अचानक मेरे दिमाग में इसे खुद बनाने का विचार आया ।
बतौर प्रडयूसर आपका कैसा अनुभव रहा ?
अकेले शायद मैं फिल्म बनाने की हिम्मत न करती लेकिन मेरे भाई ने मेरा पूरा साथ दिया । दरअसल मैं और मेरा भाई लगभग एक जैसा ही सोचते हैं । पहले से ही हमारे बीच बहुत अच्छी अंडरस्टैडिंग है । इसके अलावा मुझे फैंटम जैसा प्रोडक्शन हाउस मिला जिसमें सभी क्रियेटिव लोग हैं । इनमें अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवाने तथा विकास बहल जैसे फिल्म मेकर्स हैं ।
बेशक आप साबित कर चुकी है कि आप एक सक्षम अभिनेत्री हैंं बावजूद इसके आपके कॅरियर में यश चोपड़ा,राजू हिरानी तथा विशाल भारद्वाज जैसे फिल्मकारों का भी तो योगदान रहा । आप का इस बारे में क्या कहना है ?
किस्मत भी एक वजह हो सकती है कि ऐसे मेकर्स मुझे मिले लेकिन मैने यहां तक पहुंचने के लिये क्या कुछ नही किया। जैसे मैने छह साल में महज आठ फिल्में की हैं । और करीब दो दर्जन से ज्यादा फिल्में ठुकराई हैं । क्योंकि मैं ‘ाुरू से ही अच्छी फिल्में करना चाहती थी । वही मैने किया भी । आगे भी मेरा यही तरीका रहेगा ।
पीके की सफलता के बाद क्या फिलिंग रही ?
मैने इस बारे मैं जरा भी नही सोचा। मैं तो पीके से निकली और एन एस 10 में घुस गई । हालांकि मुझे काफी जगह से तारीफों के ढेर सारे एसएमएस तथा ट्वीटस मिले । बल्कि फिल्म से इंसपायर हो एक महिला ने तो पर्सनली गरीबों की मदद करनी भी शुरू कर दी थी ।
आगे आने वाले प्रोजेक्ट्स ?
जोया अख्तर की फिल्म दिल धड़कने दो,करण जोहर की ऐ दिल है मुश्किल तथा अनुराग कश्यप की बॉम्बे वैलवेट ।