फिल्मी माहौल में पले बढ़े और बहुमुखी प्रतिभा के धनी फरहान अख्तर पिछले 15 वर्षों से बालीवुड में लेखक,निर्देशक, अभिनेता,टीवी कार्यक्रम संचालक,गायक व संगीत कार के रूप में काफी शोहरत बटोर चुके हैं.इन दिनों वह अभिजात जोशी व विधु विनोद चोपड़ा लिखित और विधु विनोद चोपड़ा निर्मित तथा बिजय नांबियार निर्देशित फिल्म ‘‘वजीर’’को लेकर चर्चा में है.जिसमें उन्होने अमिताभ बच्चन के साथ अभिनय किया है।
फिल्म ‘‘दिल चाहता है’’ से अब तक 15 साल के अंदर सिनेमा में आए बदलाव को किस तरह देखते हैं?
‘‘दिल चाहता है’’से लेकर अब तक सिनेमा में बहुत बदलाव आ गया है.यह बदलाव बहुत ही ज्यादा सकारात्मक है.यह बदलाव प्रगति का है.नई नई सोच के फिल्मकार आ रहे हैं.सिनेमा की कहानियों में बहुत बदलाव आया है.सिनेमा में नयी पीढ़ी बहुत अलग और अच्छा काम कर रही है। पहले फिल्म इंडस्ट्री सिर्फ फैमिली बिजनेस था.छह सात परिवार पूरी तरह से हावी थे.बाहरी लोगों को घुसने का मौका नहीं मिल रहा था। अब सभी के लिए दरवाजे खुल गए हैं.अब अलग अलग जगहों से लोग अपनी अपनी कहानियां व अपनी प्रतिभा के साथ आ रहे हैं.तो अब रचनात्मक विविधता बढ़ती जा रही है.10-15 साल पहले जिस जगह या दुनिया के बारे में आप कहानियां नहीं देख पा रहे थे, अब उनके बारे में कहानियां फिल्मों में आ रही हैं.पर भविष्य में क्या होगा,पता नहीं.उम्मीद करता हॅूं कि अच्छा ही हो. इसी बदलाव के कारण हम ‘‘वजीर’’ जैसी फिल्में कर पाए।
फिल्म का नाम ‘‘वजीर’’ क्यों?
शतरज के खेल में वजीर होता है.यह बहुत ज्यादा खतरनाक हैं.इस फिल्म में एटीएस अफसर दानिश अली और चेस मास्टर ओंकारनाथ दोनों को वजीर की तलाश हैं,जिसकी कई वजहें हैं.वजीर के किरदार में नील नितिन मुकेश हैं.अब वजीर कैसे पकड़ा जाएगा,क्या होगा,यही पूरी कहानी है।
‘‘वजीर’’का ट्रेलर आने के बाद क्या रिस्पांस मिला?
बहुत अच्छा रिस्पांस मिला.मेरे पिता ने बीस से 25 मिनट की फिल्म देखी है.उनका मानना है कि फिल्म बहुत बेहतर बनी है.यदि उन्हें जितना फिल्म पसंद है,उसकी आधी भी अच्छी बनी होगी,तो फिल्म सफलता के रिकार्ड बनाएगी।
‘‘वजीर’’ में अभिनय करने के लिए किस बात ने इंस्पायर किया?
इस फिल्म में कई चीजें ऐसी हैं, जिन्होंने मुझे प्रभावित किया.मैंने अब तक अपने कैरियर में पुलिस अफसर का भी किरदार नहीं निभाया है.फिर यह तो एक एटीएस आॅफिसर का किरदार है.तो एक कलाकार के तौर पर मेरे लिए यह एक अलग दुनिया थी.कलाकार के तौर पर हम भी चाहते हैं कि अलग अलग दुनिया में जाएं और एक नया अनुभव लें.इसी बात का मुझे बहुत उत्साह था.इसके अलावा इस किरदार की यात्रा बड़ी जबरदस्त है.इसका पूरा श्रेय फिल्म के लेखक अभिजीत जोशी और विधु विनोद चोपड़ा दोनों को जाता है.यह बहुत ही ज्यादा इमोशनल स्टोरी है। आम तौर पर रोमांचक फिल्में बहुत फास्ट स्पेस में चलती हैं.और उनमें इमोशन का अभाव होता है.अधिकांषतः रोमांचक फिल्मों में बहुत स्मार्ट स्टोरी होती है,पर इमोशन का खोखलापन हो जाता है.पर ‘वजीर’ लोगों के दिल व दिमाग दोनों को छुएगी।
फिल्म‘‘वजीर’’पोलीटिकल कथा है?
जी नहीं!यह एक रोमांचक फिल्म है,जिसमें इमोशन की बहुतायत है.कुछ हद तक आप इसे पर्सनल रिवेंज ड्ामा वाली फिल्म कह सकते है.इसमें कहीं कुछ भी पोलीटिकल मुद्दा या पोलीटिकल कहानी नहीं है।
पर फिल्म की कहानी कश्मीर के अंदर चलती है?
फिल्म की कहानी का केंद्र कश्मीर नहीं, दिल्ली है.हाॅ! नील नितिन मुकेश का पात्र वजीर जब कश्मीर जाता है,तो उसका पीछा करते हुए एटीएस ऑफिसर कश्मीर जाता है.इसलिए फिल्म में कुछ दृश्य कश्मीर के अंदर के हैं।
रोमांचक फिल्म में इमोशन का अभाव रहता है??
आप सही कह रहे है.पर मुझे इस कहानी ने इंस्पायर किया.पर इसमें मैने जो किरदार निभाया,वह काफी कठिन है.अभिजीत जोशी व विधु विनोद चोपड़ा ने कहानी बहुत अच्छी लिखी है.अक्सर थ्रिलर फिल्म की कहानी को गति देने के चक्कर में खोखलापन आ जाता है.पर इस फिल्म में खोखलापन नहीं है।दानिश अली की पत्नी रूहाना अली का किरदार निभा रही अदिति राव हैदरी की वजह से भी इमोशन को उभारा गया है.यह कहानी दिल को छू लेगी.इसमे हमारे साथ घटित भावनात्मक घटनाक्रम है.भावनाओं और थ्रिलर के बीच रोचक तालमेल है.एक लेखक के तौर पर भी मैंने बहुत इस पटकथा को पढ़ते और इस फिल्म में अभिनय करके बहुत कुछ सीखा।
क्या दानिश अली के किरदार के लिए आपने कोई ट्रेनिंग ली?
मैंने अपनी बाॅडी इस तरह की बनायी है,कि वह परदे पर एक पुलिस अफसर नजर आए.पुलिस अफसर की जो टे्निंग होती हैं,उसकी वजह से उनके शरीर में टफनेस आ जाती है.इसके लिए मैंने कुछ एक्सरसाइज की. ‘‘भाग मिल्खा भाग’’ के समय मुझे एक अलग तरह का शरीर बनाना था.अब ‘वजीर’ के लिए एक अलग तरह का शरीर बनाना था।
अमिताभ बच्चन के साथ आपके पारिवारिक संबंध रहे हैं.उनके साथ काम करने के क्या अनुभव रहे?
अमिताभ बच्चन मेरे लिए हमेशा अंकल रहे हैं.मैं उन्हें हमेशा सम्मान देता आया हूं.मगर अभिषेक बच्चन व श्वेता से बहुत बातचीत होती रहती है.हम सब बहुत करीबी दोस्त हैं.जब मैं अमिताभ जी से मिलता था,तब मैंने सोचा नहीं था कि मैं कभी फिल्मों में उन्हें निर्देशित करूंगा या उनके साथ अभिनय करूंगा.पर मेरे लिए खुशी की बात है कि उन्हें निर्देशित करने के अलावा उनके साथ अभिनय करने का भी अवसर मिला.मैं उनकी प्रतिभा का बहुत बड़ा प्रशसंक रहा हूं।
आने वाली नई फिल्में?
2016 की शुरूआत यानी कि 8 जनवरी 2016 को फिल्म‘‘वजीर’’ रिलीज होगी.इसके बाद रोमांटिक फिल्म‘‘बार बार देखो’’ रिलीज होगी.उसके बाद ‘रईस’और फिर ‘‘राॅक आॅन 2’’आएगी।