निर्देशक विक्रम शंकर की फिल्म ‘जब तुम कहो’ एक हल्के फुल्के हास्य से लबरेज ऐसी फिल्म है जिसमें कहानी इस तरह से कही गई हैं कि दर्शक पूरे समय तक मुस्कुराता रहता है। फिल्म में कोलकाता की होर्डिंग क्वीन अंबालिका सरकार इस फिल्म से डेब्यू कर रही है। क्या कहना है उसका फिल्म को लेकर।
अंबालिका अपने बारे में क्या कहना चाहेंगी ?
मैं कोलकाता से हूं और वहां मैने अपने कॅरियर की शुरूआत मॉडलिंग से की थी, अगले दो साल तक मैने बहुत मॉडलिंग की। वहां मैं कुछ प्रोडक्ट्स की ब्रांड अंबेसेडर भी हूं। कोलकाता में मुझे होर्डिंग स्टार कहा जाता है।
ये फिल्म कैसे मिली ?
मैं तो मॉडलिंग ही कर रही थी। एक्टिंग का तो मैंने सोचा तक नहीं था फिर भी पता नहीं क्या सोचकर मैने एक एक्टिंग कोर्स भी कर लिया था। कोलकाता में इस फिल्म के ऑडिशन चल रहे थे सो मैं भी वहां चली गई। वहां मुझे पता चला कि उन्हें एक ऐसी बंगाली लड़की चाहिये थी जो प्रिटी बबली और चुलबुली किस्म की स्मार्ट लड़की हो और उसकी हिन्दी में बंगालीपन होना चाहिये। उन्हें ये सारी खूबियां मुझमें दिखाई दी, इसलिये मैं फिल्म के लीड खुशी के लिये सलैक्ट कर ली गई।
अपने किरदार के बारे में क्या बताना चाहेगीं ?
ये एक कॉमेडी फिल्म है। यहां मेरे अपोजिट परवीन डबास यानि कुमार हैं जो दिल्ली के हैं। हम दोनों फेसबुक के दोस्त हैं और लगातार एक दूसरे से चैटिंग करते रहते हैं। एक दिन ऐसा भी आता हैं जब हम दोनों एक दूसरे से रूबरू होकर मिलना चाहते हैं। परवीन भी यही चाहते हैं इसलिये मुझसे यानि खुशी से मिलने के लिये वे कोलकाता आ जाते हैं। यहां से हम दोनों की एक जर्नी शुरू होती है।
फिल्म को लेकर आपका क्या सोचना है ?
बेशक ये एक काल्पनिक कहानी हैं बावजूद इसके इसमें आजकल की रीयल बातें हैं। जैसे आज हजारों यंग स्टर फेसबुक या ट्विटर के द्वारा अंजान लोगों से बातें करते हैं वे एक दूसरे के दोस्त भी हो जाते हैं। आप रोजाना पढ़ते हैं कि एक लड़का लड़का काफी दिनों से फेसबुक पर चैटिंग कर पहले दोस्त बने फिर एक दूसरे से प्यार करने लगे। फिल्म में भी कॉमेडी के तहत ऐसा ही प्यार दिखाया है, जो फिल्म के द्वारा एक मैसेज भी देता है। यहां ये भी बताया गया है कि प्यार सिर्फ एक बार ही नहीं होता वो दोबारा भी हो सकता है। क्योंकि ये अपने आप हो जाता है।
पहली फिल्म में आपके सामने परवीन डबास हैं। उनके साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा ?
मैं लकी हूं कि मुझे पहली फिल्म में ही परवीन जैसे बढि़या एक्टर के साथ काम करने का अवसर हासिल हुआ। पहले दिन की शूटिंग का मैं बेसर्बी से इंतजार कर रही थी। पहले दिन ही मैं परवीन जी के स्वभाव से खुश थी क्योंकि उनमें वो फिल्म एक्टर वाली फूं फां नहीं थी वे एक डाउन टू अर्थ शख्स थे। सेट पर वे मुझसे बंगाली सीखते हुये जब बंगाली बोलते थे तो हम सब बहुत हंसते थे बिलकुल उसी तरह जब मैं भी कोई हिन्दी का कठिन शब्द बोलती थी तो वो एक तरह से कॉमेडी हो जाता था। मेरा कहना है कि उनके साथ काम करने का अनुभव मुझे काफी दिनों तक याद रहने वाला है।
आगे कोई और फिल्म ?
जी हां मेरी अगले महीने एक और रिलीज होने वाली फिल्म का नाम है ‘औसम औसम’। फिल्म के डायरेक्टर हैं योगेश कुमार तथा मेरे अपोजिट राहुल शर्मा हैं।
हिन्दी में किस अभिनेता या अभिनेत्री को पसंद करती हैं ?
शाहरूख खान, सलमान खान मेरे ऑल टाइम फेवरेट एक्टर हैं, आगे मुझे उनके साथ काम करना है। उनके अलावा माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, रानी मुखर्जी, करीना कपूर तथा अनुष्का शर्मा बहुत पसंद हैं।