लिपिका वर्मा
सलिल अंकोला एक बेहतरीन क्रिकेटर तो थे ही साथ में वो बेहतरीन कलाकर भी है। और आज ड्रगस से छुटकारा पाकर उन्होंने अपनी ज़िन्दगी को एक खूबसूरत मोड़ दे दिया है। आज वह अपने माता-पिता ,परिवार और बच्चो से जुड़ कर अपने आप को अत्याधिक धन्य मानते है। और किसी भी कीमत पर अपने परिवार को खोना नहीं कहते है।
सूर्या बन कर, “शानि” शो पर वापसी की क्या कहना चाहेंगे आप?
तब में और अब में टेलीविज़न शोज की टी आर पी पर काफी फर्क आया है। उस वक़्त ज्यादा चैनल्स भी नहीं थे। सो यदि आप कुछ अच्छा और अलग करते है तो ही आपके फ़ैन्स आपको नतमस्तक करेंगे। इसी धेय को लेकर मैंने सूर्या बनने से पहले बहुत मेहनत की है। आज मैं आपके सामने अलग हैसियत से दिख पड़ रहा हूँ। मुझे याद है -कि मैंने जिम में जाकर कड़ी मेहनत की है ताकि मैं अपनी बॉडी को सही लुक दे पाऊँ । जब मैं सूर्या के अवतार में लोगों को दिख पड़ू तो उन्हें लगे सचमुच में सूर्या आसमान से ज़मीन पर उतर आया हो।
तो आप टेलीविज़न शोज भी देखते है ?
दरअसल में, जो भी शोज मेरी पत्नी टेलीविजन पर दखती है मैं भी देख लिया करता हूँ। शक्ति शो और इस पयार को सोनी पर जो दिखलाया जा रहा है वह मैं देख लेता हूँ।
आप किन किन क्रिकेटर दोस्तों से आज भी मिलते – जुलते है ?
देखिये समय भी नहीं मिल पता है पर जब मेरे चड्डी दोस्तों का जन्मदिन होता है मैं उन्हें विश जरूर कर देता हूं। जी हाँ सचिन को भी एस एम एस करता रहता हूँ।
आप को जिस पदार्थ की लत लगी थी उससे आप कैसे उभर पाए?
सच कहूँ तो यह एक बहुत ही बड़ी बीमारी है। लेकिन यदि हमारे अंदर चाह हो इस बीमारी से निकलने की- तो हम इससे बाहर निकल पाएंगे । मेरे कई दोस्त और भी है उनसे भी मेरा यही अनुरोध है कि यह कोई सामजिक कलंक नहीं है। यदि लत लग गयी है तो आप बेधड़क किसी के सहारे से ही भले, लेकिन बाहर निकलो। मुझे अपनी इस लत के बारे में बतलाने में कोई शर्म महसूस नहीं होती है। मेरा यही मानना है यदि मैं इस बुरी लत से बाहर निकल सकता हूँ तो ऐसे कई व्यक्ति है जो इस लत के शिकार हुए है तो वह भी निकल सकते है। बस मन में जीवन को अच्छी तरह से व्यतीत करने की चाह होनी चाहिए।
आप इस लत से बाहर निकले, किसे श्रेय देना चाहेंगे?
मेरी पत्नी रिया को। मैं उसी के वजह से आज अपने माता-पिता एवं बच्चो और परिवार के वापस करीब आ गया हूँ। मुझे इस लत से उसने पूरी तरह से निकाल लिया है। वह एक बहुत बेहतरीन डॉक्टर है और साथ साथ एक अच्छी कुक भी। कई मर्तबा तो स्वादिष्ट खाना बना कर मुझे खिलाती है। और जब कभी मैं आता हूँ और सोने की बजाये जिम जाने की तैयारी करता हूँ तो वह मुझे जबरदस्ती सोने की हिदायत देती है। उसके प्रेम भाव ने मुझे जीने की राह दिखलाई है और चाह पैदा की है। मेरे लिए उसका साथ एक पहाड़ की तरह है। आज मुझे अपने परिवार के साथ का मूल्य मालूम हुआ है। और इस साथ को मैं कभी भी नहीं खोना चाहुँगा
आपका बेटा भी कही इस लत का शिकार न हो जाये इस बात का भय लगता है आपको ?
जी नहीं, ऐसा कभी भी नहीं होगा। मेरा बेटा अभी 21 वर्ष का है। और अपनी मार्केटिंग मैनजमेंट की पढ़ाई लन्दन में पूरी कर रहा है। उसने मेरी लत होने की पूरी कहानी लाइव घर पर देखी है। इसलिए वह इन पदार्थो का सेवन कभी भी नहीं करेगा।
आप अपनी ऑटोबायोग्राफी यदि कभी बनती है तो आपके किरदार में किसे देखना चाहोगे ?
रणदीप हुड्डा ही मेरी जीवनी को रील पर बखूबी उतार पाएंगे। मैं यदि कभी अपनी जीवनी पर्दे पर उतारना चाहूँगा तो उनका नाम ही सिफारिश करूँगा। मैं अरबाज़ खान के साथ भी एक फिल्म, “तेरा इंतज़ार” कर रहा हूँ मुझसे वो हमेशा यही कहते है यार तेरी लाइफ बहुत इंटरेस्टिंग है पर्दे पर उतारनी चाहिए। तब मैं कहता हूँ ,”मेरा जीवन जीना बहुत कठिन है !!”
बस जितने भी नौजवान इस लत का शिकार है उनसे मेरी एक ही गुजारिश है -जीवन बहुत बहुमूल्य है। यदि मै इस लत से बाहर निकल सकता हूँ तो आप भी निकल सकते है।