साउथ और हिन्दी की करीब दो दर्जन फिल्में कर चुकी तापसी पन्नू को अभी तक न्यू कमर माना जाता है। इसके प्रति तापसी हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के प्रति थोड़ी नाराज भी है। लेकिन स्वभाव से बिंदास तापसी इस बात को नजर अंदाज करने की भी कोशिश करती नजर आती है। फिल्म ‘ पिंक’ में वो अमिताभ बच्चन के साथ काम करने के बाद खासी उत्साहित है। फिल्म को लेकर क्या कहना है तापसी का। बता रही है इस मुलाकात में।
दो दर्जन से ज्यादा फिल्में करने के बाद भी अपने आपको न्यू कमर कहलवाना कैसा लगता है ?
आप स्वंय सोचिये कि जो अभिनेत्री साउथ की सतरह अट्ठारह और हिन्दी की तीन चार फिल्में कर चुकी हो। बावजूद इसके उसे इसके बाद भी न्यू कमर कहा जाये तो अजीब लगता है। लेकिन फिर भी कोई मुझे न्यू कमर कहता है तो भी मुझे कोई परेशानी नहीं है।
‘चश्में बद्दूर‘ के बाद बेबी जैसी फिल्म करने का क्या अनुभव रहा ?
चश्में बद्दूर, रनिंग शादी डॉट कॉम तथा आगरा का घाघरा के बाद अगर मैनें ‘बेबी’ न की होती तो लोग बाग मुझे आर्ट फिल्मों की अभिनेत्री मान लेते। इसलिये मैनें वो फिल्म काफी सोच समझ कर की थी।
लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि पिंक भी कहीं न कहीं सेमी आर्ट फिल्म है ?
ये आपको फिल्म देखने के बाद तय करना है कि फिल्म किस जॉनर की है। हां क्योंकि इसमें नाच गाना नहीं है इसलिये आपको ऐसा लगता है। वैसे भी दर्शक आजकल मेन स्ट्रीम वाली फिल्मों के साथ इस तरह की फिल्में भी काफी पसंद करने लगे हैं। आज अगर आप फिल्म के जरिये सीधे ज्ञान बांटने की कोशिश करेगें तो कोई देखने नहीं आयेगा, हां अगर उसे थ्रिलर फार्मेट में बनाओगे तो दर्शक जरूर उसके प्रति आकर्षित होगें।
फिल्म के टाइटल को लेकर क्या कहना है ?
पिंक एक ऐसा कलर है जिसे बहुत डेलिकेटिड और सॉफ्ट माना जाता है। इस कलर को फिमेल के करीब माना जाता है। जैसे लड़कियां थोड़ी कमजोर और डैलिकेट होती हैं। लेकिन इस फिल्म में इस कलर को गलत नजरिये से देखने की बात की गई है।
साउथ की फिल्मों के बनिस्पत आपको हिन्दी फिल्मों में रोमांस करने का मौका नहीं मिल पा रहा है?
दरअसल मुझे अभी तक रोमांटिक फिल्में ऑफर ही नहीं हो रही हैं, लेकिन आगे मैं जरूर रोमांटिक फिल्में करूंगी। वैसे भी मैनें कुछ फिल्में पिंक के साथ ही साइन की थी। उनमें आपको मेरी भूमिकओं में अलग अलग शेड् नजर आयेगें।
आपके मुताबिक आगे बढ़ने का कौन सा तरीका है ?
मेरे मुताबिक एक नहीं बल्कि दो तरीके हैं आगे बढ़ने के। एक तो आप बड़े स्टार के साथ काम करते जाओ तो आपको कमर्शियली पहचान मिलेगी, या फिर ऐसी फिल्में करो जिनमें दर्शक आपको देखने के लिये मजबूर हो जाये। मुझे अभी तक पहला तरीका आजमाने का मौका नहीं मिला है इसलिये मैं दूसरा तरीका आजमाने पर मजबूर हूं।
अमिताभ बच्चन के साथ काम करना कैसा रहा ?
आमिर खान जैसे बिग स्टार को अमित जी के साथ अब जाकर काम करने का अवसर हासिल हुआ है। इस नजरिये से देखा जाये तो मैं बहुत लकी हूं कि मुझे मेरे शुरूआती करियर में ही ये उपलब्धी हासिल हो गई।
अमित जी के साथ कोई इन्सीडेन्ट ?
सबसे अहम् तो ये रहा कि अमित जी के साथ मेरे बहुत ज्यादा सींस हैं। लेकिन कोर्ट में एक सीन है जो आजकल फिल्म के प्रोमो में भी दिखाया जा रहा। वो सीन करीब बारह तेरह पेज का था, जंहा कोर्ट में अमित जी और पियूष मिश्रा मुझे इन्टैरोगेट करते हैं और सीन में दर्शक दीघा में बैठे लोग ताली बजाते हैं। इस सीन के बाद अमित जी मेरे पास आये और उन्होंने मुझे गले लगा लिया। इसके बाद उन्होंने उस बात को अपने ट्वीटर पर ट्वीट भी किया। ये बात में जिन्दगी भर नहीं भूल सकती।