जूही चावला, ऋचा चड्डा, स्वरा भास्कर, हिना खान एवं आकांक्षा सिंह–
–लिपिका वर्मा
2020 पान्डेमिक ईयर से आप ने क्या कुछ सीखा?
हमने बहुत कुछ सीखा 2020 पान्डेमिक ईयर से। सबसे अवल तो मैंने यही सीखा की जीने के लिए जो चीज अत्यंत आवश्यक है हमें बस उन्ही चीज से संतुष्ट रहना चाहिए।
दरअसल में हमें जीने के लिए ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है। दूसरा घर पर रह कर मैंने खुद बहुत सारे काम स्वयं करने भी सीख लिए है।
किस तरह घर को चलाना है यह भी अच्छी तरह से जान लिया है। मैंने खाना बनाना भी सीख लिया है जैसे स्वादिष्ट साउथ इंडियन खाना ,पंजाबी डिशेस बंगाली डिशेज इत्यादि भी बना लेती हूँ अब आसानी से।
पर हाँ अपने हाथों से बनाया हुआ खाना रोजाना खाने से बहुत बोर भी हो जाती हूँ।
सबसे मूल्यवान सीख क्या है आपके लिए?
मुझे पीस ऑफ माइंड–दिमाग की शांति मेरे लिए मूल्यवान सीख है। इस वर्ष सोशल मीडिया और व्यक्तिगत लेवल पर मेन्टल हेल्थ के बारे में वह बहुत अलग–अलग चर्चा भी हुई है।
जब भी हम मेन्टल हेल्थ की चर्चा करते है उसे सही तरह से अमल में लाना चाहिए और चर्चा करने का साहस भी होना अनिवार्य है।
साल 2020 खत्म, हो रहा है ,क्या कहना चाहेंगी?
मैं बहुत ही खुश हूँ कि 2020 अब खत्म हो रहा है। यह 2020 किसी के लिए भी अच्छा साबित नहीं हुआ है। हमारी इंडस्ट्री के लिए भी यह साल बहुत ही बुआ साबित हुआ है।
आशा करती हूँ अगला वर्ष सभी के लिए बेहतरीन होगा। आशा करती हूँ सिनेमा हॉल भी खुल जाये और सब कुछ ठीक हो जायेक्योंकि बहुतों का जीवन निर्वाह फिल्म में काम कर के ही चलता है।
बहुत से टेक्निशियंनस एक्टर्स फिल्मों में काम कर के अपना किचन ढंग से चला पाते है और इस वर्ष सभी का काम ठप हो गया क्योंकि ऐसी हालत में न तो फिल्में बन पायी और न ही रिलीज हो पायी।
धीरे–धीरे सब कुछ खुल रहा है। लेकिन अब सब कुछ पूरी तरह से ठीक हो जाये यही आशा करती हूँ। सभी को काम करने है बस।
यह साल हम सभी के लिए बहुत कठोर (टफ) रहा। उम्मीद करती हूँ अब साल का अंत होने को है सभी कुछ शांतिपूर्वक हो जाये। हम सभी ढेर सारी प्रोब्लेम्स का सामना किया है।
अब यह सब सुलट जाये। संपूर्ण दुनिया ने एक साथ मिल कर पान्डेमिक को झेला है यह बहुत ही दुखदायी समय और डरावना समय भी रहा है।
आशा है हम सब ही इस समय से अब निकल पाएं। बस यह सीखा है की पाॅजिटिव ही रहे (सकारात्मक), और यह भी की हमें बल और आशा नहीं छोड़नी है।
स्ट्राॅग बनना चाहिए और हर घड़ी को झेलते हुये आगे निकलना चाहिए। सकारात्मक विचारों के साथ एक साथ मिलकर सब कुछ बदला जा सकता है बस यही उम्मीद भी करती हूँ।
जूही चावला
2020 पान्डेमिक ईयर से आप ने क्या कुछ सीखा?
इस वर्ष 2020, खासकर पान्डेमिक ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। सबसे पहले तो मैंने यह सीखा है कि इस शांत वातावरण में घर पर बैठ कर परिवार के साथ पूरा फायदा उठा लूँ।
फिलहाल मै आयुर्वेदा डीटाॅल्स कर रही हूँ हर दिन। मेरे ख्याल से जितना भी वक्त हमें मिला है, हम को उसका पूर्णतः फायदा उठाना है।
यह समय हमें ईश्वर ने प्रदान किया है सो हमे इसका फायदा उठाने से कतई नहीं चूकना चाहिए। एक तरह से यह अच्छा ही है कि ईश्वर ने हमें ढहराव दिया है।
हमारे पास अपने लिए, अपने परिवार के लिए ही समय नहीं होता है। सो यह ऐसा समय है –जहाँ हम कुछ वक्त एक साथ अपने परिवार के साथ बिता पाएं।
यह जरूर है कि– हमारा काम कुछ नहीं हो पाता है। इससे सभी को नुकसान भी हो रहा है। पर चलिए, इसके साथ ही आगे बढ़ते है।
मैंने इस समय अपने परिवार के साथ खान–पान बैठ कर किया है और एन्जॉय भी बहुत किया है। यह भी सीखा है –हम अनावश्यक चीजो के पीछे भागते है।
बस एक साधारण जीवन जीना चाहिए और जरूरतों की चीजो से ही संतुष्ट रहना चाहिए।
सबसे मूल्यवान सीख क्या है आपके लिए?
हालांकि मैंने अपने जीवन से यह सीखा है –स्वास्थ ही हमारी पूँजी है ‘हेल्थ इस वेल्थ’, यह अब और भी सीख मिल रहे है कि हमे अपने स्वास्थ का पूर्णतः ख्याल रखना है।
स्वास्थ है तो सब कुछ है। जब भी ईश्वर आपकी इच्छा को हामी देते है –तब वो आपको वह देते है जो आप चाहते है। और जब भी ‘नो’ बोलते है तो कुछ और अच्छा दे जाते है।
सो ईश्वर जब, ‘वेट’ ठहरो, कहते है तो आपको अपना बेस्ट दे जाते है। सो यह एक ऐसा समय है जब आपको धैर्य रखना होगा। हमें वेट करना है और रिलैक्स भी।
आने वाले वर्ष 2021 के लिए आपके क्या प्लान है?
हमें कुछ वक्त के लिए स्लो डाउन करना होगा। यह जरूर है की फिल्म फ्रंट पर काम कम हो गए है। तो मैंने कुछ अन्य विषयों पर काम किया है ।
अपने स्कूल गुरुकुल के छात्रों की शिक्षा हेतु कुछ चर्चा आपस में भी की है। रिप्लाई कर रहे है किस तरह हम और अपने स्कूल की बेहतरी कर पायें।
पर यह भी है कि बसीकली स्कूल में बच्चे भी आना शुरू होने चाहिए,फिलहाल बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे है। और इंटरनेट पर बच्चों के साथ वो मानव टच मिस हो रहा है।
जब बच्चे और अध्यापक स्कूल में एक दूसरे से इंटरेक्शन करते है तो वो एकदम अलग अनुभव होता है। जबकि हमने ऑन लाइन पर भी अच्छा खासा काम किया है।
समय को पूर्णत इस्तेमाल किया है। देखते है अगले वर्ष क्लासेज कब और कैसे खोल पाते है हम।
आकांक्षा सिंह
2020 पान्डेमिक ईयर से आप ने क्या कुछ सीखा?
2020 ने मुझे ढेर सारी बातें सिखाई है। 2011 से मैंने काम करना शुरू किया। जयपुर से जब से यहां मुंबई पहुंची तब से अपने परिवार से थोड़ा बहुत ही मिल पाती।
बस जब कभी त्योहार होते तभी मैं उनसे मिलने उनके साथ समय बिताने चली जाया करती। पर इस पान्डेमिक के दौरान 5 माह उनके साथ रही बहुत एन्जॉय किया।
हम छोटी छोटी चीज के लिए बाहर चले जाया करते पर अब यह सीख मिली है की अनिवार्य चीज से ही अपना काम चला लेना चाहिए।
हम बहुत सी अनावश्यक या बेतुकी चीज भी करते है जैसे चाय पीने,कुछ खान –पान करने भी किसी रस्टोरेंट में चले जाया करते है।
पान्डेमिक में यह एहसास हुआ कि ढेरों अनावश्यक चीज जो हम करते चले आ रहे है उस पर रोक लगनी चाहिएं में अपने परिवार का मूल्य अब समझ गयी हूँ ,मेरा परिवार ही मेरे लिए मूल्यवान है सबसे।
मैं यह हवा ले पा रहे है तो जिंदा हूँ यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।
2020 में मेरा कोई प्लान नहीं है। हैदराबाद में डे की शूटिंग जो जनवरी में होने को है बस वही शूटिंग में व्यस्त रहूँगी।
स्वरा भास्कर
2020 पान्डेमिक ईयर से आप ने क्या कुछ सीखा?
मैंने पान्डेमिक के दौरान बहुत कुछ सीखा है। सबसे अहम तो मैं कृत्यागता सीखा है।हमें ग्रेटफुल और ईश्वर की कृपा मिली की कम से कम ,बिना काम के भी –हमारे पास 6 महीनों तक खान –पान के लिए अच्छी खासी व्यवस्था थी।
पैसो की कमी महसूस नहीं हुई। हमें अपने परिवार और दोस्तों का भी अहोभार मानना चाहिए क्योंकि हम सब ऐसे समय में एक साथ रहे और साथ में एक दूसरे को ढाढस बांधते रहे।
मेरे पास मेरे माता–पिता थे जिन्होंने मेरा ख्याल पूरी तरह से रखा। बिना किसी हिचकिचाहट के मैं अपने परिवार का ऐसे समय में साथ रहना मूल्यवान मानती हूँ।
पान्डेमिक के दौरान थोड़ा सा लॉक डाउन रेलक्स होते ही हम काम भी कर रहे थे। इस फिल्मी दुनिया की चका–चैंद में रह कर काम का मूल्य हम सभी जानते और समझते भी है।
और अब इसका थोड़ा और कीमत समझ गए है। मैंने लगभग 8 महीने सेट्स को मिस किया है। अब जबकि मैं भोपाल में हाल ही में शूटिंग कर के लौटी हूँ सो अपने काम के प्रति आभारी हूँ।
हिना खान
2020 पान्डेमिक ईयर से आप ने क्या कुछ सीखा?
हम मानव हर चीज को गारेन्टेड (स्वीकृत) लेते है हम केवल अपने फ्यूचर के बारे में सोचते है और पान्डेमिक ने आकर हमें याद दिलाया कि प्यार करते है हमारा परिवार उनको साथ देना और उनके साथ समय बिताना कितना जरूरी है।
पान्डेमिक के पहले हमारे पास अपने प्रियजनों के लिए समय ही नहीं था यह एक शर्म की बात है। जाहिर सी बात है मैं अपने परिवार का मूल्य जानती हूँ और वो हमारे लिए मूल्यवान भी है।
मेरे प्रियजनों की कीमत बहुत है मेरी नजरों में। उनके साथ बिताया हुआ समय कीमती है। क्या कोई अनहोनी के लिए ही हमें वेट करना चाहिए?
2020 एवं 2021 को कैसे देखती है आप?
2021 में हम सब कुछ अच्छे प्रोजेक्ट्स कर पाएं यही देख रही हूँ मै। बस जो भी हालिया शूटिंग सम्पन हुई है बहुत लोग कोविद पॉजिटिव हो गए है।
2020 सभी के लिए और मेरे लिए भी सीखने वाला वर्ष रहा। मै शुरूआती दौर में मालदीव अपने माता पिता को लेकर जरूर गयी थी लेकिन अब ऐसा रिस्क नहीं ले सकती हूँ। 2020 मेरे लिए ठीक ही रहा।