रेटिंग***
इससे पहले स्पोर्टस और खिलाडि़यों पर कई हिट फिल्में बन चुकी हैं लेकिन जेम्स इस्किन द्धारा निर्देशित फिल्म ‘सचिन- ए बिलियन ड्रीम्स’ सभी फिल्मों से अलग है। फिल्म का निर्माण न तो किसी फीचर फिल्म की तरह किया गया है न ही इसे डॉक्यूमेंट्रीज कहा जा सकता। फिलहाल इसे हम डॉक्यूड्रामा कह कहेंगे।फिल्म सचिन की एंकरिंग द्धारा उसके बचपन से शुरू होती है जब उसे उसकी बड़ी बहन गिफ्ट में बैट देती है। इसके बाद किस प्रकार उसका बड़ा भाई अजीत उसकी प्रतिभा पहचान उसे कोच अचरेकर सर के पास लेकर जाता है और बाद में अचरेकर सर उसकी प्रतिभा को पूरे मन से तराशते हैं। इसके बाद सचिन के करियर की लाइव फुटेज को जोड़ कर पूरी फिल्म बनाई गई है जिसमें सचिन के क्रिकेट के प्रति समर्पण, जुनून तथा उसके खेल से जुड़े प्रसंगों को दिखाया गया है। इस कहानी में उसके माता पिता, भाई बहन, पत्नि और फिर बच्चे तथा उसके दोस्त और क्रिकेट टीम के साथियों का समावेश है। सचिन के तकरीबन सारे मैचों से खेल प्रेमी अच्छी तरह से वाकिफ हैं बावजूद इसके सारे मैच देखते हुये वैसा ही रोमांच पैदा होता है जैसा उन दिनों होता था। कहानी के बीच में अमिताभ बच्चन तथा अमीर खान भी सचिन के बारे में कहते नजर आते हैं कि सचिन हमारे सामूहिक गर्व के प्रतीक हैं। इसी प्रकार अमिताभ कहते हैं जब तक सचिन क्रीज पर हें तक तक संभावानायें बनी रहती हैं। अंत में क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले खचाखच भरे स्टेडियम में सचिन इतना भाव पूर्ण भाषण देते हैं कि आंखे नम हो जाती हैं।
निर्देशक जेम्स इस्किन ने सचिन के करियर और उससे जुड़ी उसकी जीवनी को फुटेज के माध्यम से एक हद प्रभावशली ढंग से दर्शाया है, लेकिन ज्यादातर फिल्म सचिन के परिवार के इर्द गिर्द ही घूमती नजर आती है। लिहाजा परिवार के लोग सचिन के बारे में बताते अच्छे लगते हैं। जहां भी उनके पिता का जिक्र आया,सचिन भावुक नजर आये। दूसरे जैसा कि कहा जा रहा था कि फिल्म में सचिन से जुड़ी उन बातों को बताया जायेगा जिनके बारे लोग बाग नहीं जानते लेकिन फिल्म में ऐसा कुछ नहीं था जो दर्शक पहले से न जानते हों। इतने महान खिलाड़ी का दर्शन और भी दिलचस्प हो सकता था अगर उसे फीचर फिल्म के तौर पर बाकायदा आर्टिस्टों के माध्यम से दिखाया जाता । इसका सबसे बड़ा उदाहरण धोनी की फिल्म है। बेशक सचिन ए बिलियन भी देखने के बाद भी इस बल्लेबाज की महानता के दर्शन होते हैं।