मायापुरी अंक 42,1975
पिछले कुछ महीनों से निर्माता हंसमुख की फिल्म ‘मेरा जीवन’ और निर्देशक अनिल गांगुली (फिल्म ‘समर्पण’) के बीच फिल्म की कहानी पर झगड़ा चल रहा था। ‘समर्पण’ के लेखक सिसिर मिश्र का कहना था कि ‘मेरा जीवन’ की कहानी उनकी है (जो कि ‘समर्पण’ के नाम से बन रही है) और एम.जी. हंसमुख का कहना था ‘मेरा जीवन’ की कहानी उनकी है। आखिर मामला फेडरेशन तक गया। जहां फेडरेशन ने सिसिर मिश्र के दावे को रद्द करके मुकद्दमे का फैसला एम.जी. हंसमुख के पक्ष में कर दिया है। ‘मेरा जीवन’ अब दुगनी गति से पूरी की जा रही है। फिल्म में कथा और संवाद एम.जी. हंसमुख के और पटकथा सुरूर लखनवी की है