मायापुरी अंक 44,1975
फिल्म बनने की तकनीक अगर जनता को पता चल जाये तो आधे लोग तो फिल्में देखना ही छोड़ देंगे। निर्माता रामदयाल की अगली फिल्म ‘जोरो’ जो कि तलवार बाजी की कहानी पर बन रही है उसमें नवीन निश्चल, रेखा और डैनी हैं। इस फिल्म में हैं नवीन निश्चल आपको घोड़े पर भागते हुए तलवार बाज़ी करते दिखाई देंगे। लेकिन उनमें से नवीन ने किसी घुड़ सावरी या लड़ाई में भाग नही लिया। यह सब सीन किसी और लड़के ने नवीन निश्चल के कपड़े पहन कर किये हैं।
नवीन घोड़े पर चढ़ने से बहुत डरते हैं। निर्देशक शिबू मित्रा के बहुत ज़ोर देने पर भी वह टस से मस न हुए, साफ इंकार कर दिया। लेकिन इसमें नवीन का कोई दोष नही है, उन्हें जब लिया गया था तो उन्होंने साफ कह दिया था न तो वह घोड़े पर चढ़ सकते हैं और न ही तलवार बाज़ी कर सकते हैं। लेकिन निर्देशक के पास कोई और चारा न था क्योंकि उसे कोई और हीरो नही मिल रहा था उस समय। लेकिन वह रेखा पर बहुत खुश थे क्योंकि उन्होंने लड़ाई के सीनों में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और कहीं भी Duplicate की जरूरत नही पड़ी।
‘जोरो’ के निर्माता को इम्तियाज़ से बहुत शिकायत है। उन्होंने इस फिल्म में बहुत तंग किया। सुबह की शिफ्ट है और शाम को चार पांच बजे सैट पर पहुंचते थे। एक बार, दो बार नही, कई बार ऐसा किया। वह इस फिल्म में विलैन का रोल कर रहे हैं। नवीन, रेखा और डैनी जैसे आर्टिस्ट उनके लिए इंतजार कर रहते हैं। तंग आकर निर्देशक ने उनका रोल छोटा कर दिया है। अब वह फिल्म के शुरू और अंत में ही दिखाई देंगे। इसे कहते हैं जैसी करनी वैसी भरनी