मायापुरी अंक 7.1974
जब निरूपाराय धार्मिक फिल्मों में कार्य करती थी तो गांव के लोग उनकी तस्वीर का पूजा करने लगे एक बार एक धार्मिक फिल्म की शूटिंग के दौरान वह राजस्थान के एक गांव में आउटडोर शूटिंग के लिए गयी। उसने देखा कि गांए लोग उसे साक्षात सीता समझ कर के दंडवत करने लगे और गांव की भोली औरतें थालियों में आरती सजाकर उनकी आरती करने चलो आयी। एक गांव में तो कुछ बूढ़े लोगों ने उसके चरणों की धूल को आंखो पर लगा लिया