मायापुरी अंक 7.1974
एक बार जब प्राण किसी जल्से में गये तो एक छोटी लड़की उन्हें देखते ही डर गयी और अपनी मां से लिपट गयी। उसी तरह उन्होंने कुछ औरतों को उनसे मुंह फेरते हुए देखा और एक औरत ने तो घृणा से मुंह फेर कर कहते सुना- “कैसा बदमाश है यह। यह वाक्य प्राण के कानों में पड़ गयी। उसी दिन से प्राण ने खलनायक का चोला बदल लेने का फैसला कर लिया और वे शीघ्र ही चरित्र नायक बन गये।